जयपुर. कोरोना संक्रमण (COVID-19) की जबर्दस्त चपेट में आई राजस्थान की राजधानी जयपुर में लॉकडाउन के दौरान सरकार की आंखों के सामने सोमवार को कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां (Violation of corona guidelines) उड़ाई गईं. जयपुर के जानेमाने समाजसेवी हाजी रफत अहमद (Haji Rafat Ahmed) के इंतकाल के बाद उनके जनाजे में हजारों लोग की भीड़ उमड़ पड़ी. कोरोना से बचाने के लिए जिन हाजी रफत अहमद की अपील पर ईद का जूलूस टाला गया था, जयपुर में उन्हीं के जनाजे में करीब 15 हजार से अधिक लोगों की भीड़ जुट गई.

इस भीड़ में आम लोग ही नहीं जयपुर के आदर्श नगर से कांग्रेस विधायक रफीक खान समेत कई नामी राजनीतिक शख्सियतें भी शामिल हुईं. पुलिस भी भीड़ को रोकने के बजाय जनाजे के दौरान सुरक्षा इंतजामों में जुटी रही. हाजी रफत का जनाजा पुलिस सुरक्षा में जयपुर के रामगंज बाजार से निकाला गया. जनाजे के वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया. इस पर पुलिस की ओर से अब विधायक रफीक खान समेत 11 लोगों के खिलाफ महामारी एक्ट में मामला दर्ज किया गया है.

सूफी विचारधारा के प्रचार-प्रसार में था अहम योगदान

हाजी रफत अहमद जयपुर के जाने माने समाजसेवी और सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल थे. सोमवार को सुबह घर पर फज्र की नमाज के दौरान हार्ट अटैक से उनका इंतकाल हो गया बताया जा रहा है. सूफी विचारधारा के प्रचार प्रसार में हाजी रफत का अहम योगदान रहा था. उन्होंने हमेशा पैंगबर-ए-इस्लाम की शिक्षाओं पर जोर दिया. सालाना जुलुस-ए-मोहम्मदी हाजी रफत की निगरानी में ही निकलता था. शिक्षा की अलख जगाने में भी हाजी रफत का काफी नाम रहा. बताया जाता है उन्होंने मुस्लिम बच्चों के एक हाथ में कुरान तो दूसरे हाथ में कम्प्यूटर थमाया था.