केदारनाथ के पास गौरीकुंड में हेलीकॉप्टर क्रैश में जान गंवाने वाले जयपुर के पायलट राजवीर सिंह चौहान (37) अपने जुड़वां बच्चों का पहला फंक्शन भी नहीं देख पाए। रविवार सुबह केदारनाथ में उनका हैलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें यात्रियों सहित उनकी भी मृत्यु हो गई। जयपुर के शास्त्री नगर में रहने वाले राजवीर सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से रिटायर हुए थे। सितंबर 2024 में उन्होंने निजी एविएशन कंपनी को बतौर पायलट ज्वाइन किया था। करीब डेढ़ महीना पहले उन्होंने यहां हैलीकॉप्टर उड़ाना शुरू किया था।
राजीवर के पिता गोविंद सिंह चौहान ने बताया कि शादी के 14 साल बाद उसके यहां 4 महीने पहले जुड़वां बच्चे हुए थे, जिनके फंक्शन की तैयारी चल रही थी। उन्होंने कहा कि 10 दिन बाद राजवीर छुट्टी लेकर घर आने वाला था। बच्चों के फंक्शन के लिए सारी तैयारियां हो चुकी थीं लेकिन हेलीकॉप्टर क्रैश की खबर ने सारी खुशियां निगल लीं।
फादर्स डे के दिन बच्चों के सिर से उठा साया
राजवीर के पिता ने कहा कि फादर्स डे के दिन रविवार को राजवीर के हादसे में मरने की सूचना उन्हें मिली। बच्चों के सिर से पिता का साया उठा गया। उन्होंने बताया कि रविवार सुबह 7:45 पर साथी कैप्टन वीके सिंह ने उन्हें कॉल कर राजवीर के हेलीकॉप्टर क्रैश की सूचना दी।
राजवीर की पत्नी भी सेना से ही हैं और उनके पिता भी सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से रिटायर हुए थे। गोविंद सिंह चौहान ने बताया कि राजवीर ने पिछले साल आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ज्वाइन की थी। उन्होंने बताया कि सेना में रहते हुए बतौर पायलट राजवीर ने कई महत्वपूर्ण रेसक्यू ऑपरेशंस किए थे। उनके पास 2 हजार घंटे का फ्लाइंट एक्सपीरियंस था। बतौर कैप्टर वे सियाचिन में भी तैनात रह चुके थे।
राजवीर के बड़े भाई चंद्रवीर सिंह और अन्य परिजन रविवार शाम 6 बजे फ्लाइट से देहरादून रवाना हो गए थे। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर जयपुर लाया जाएगा, जहां दोपहर तक उनका अंतिम संस्कार हो सकता है।