भोपाल। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के विकास के लिए पैसे की नहीं आइडिया की कमी है। अच्छे प्रस्ताव लाने पर हर स्तर पर मदद मिलती है। भारत सरकार के एडीशनल सेक्रेटरी और डेवलपमेंट कमिश्नर एमएसएमई अमरेन्द्र सिन्हा ने यह बात क्लस्टर एण्ड वेण्डर डेवलपमेंट पर हुए सेक्टोरल सेमीनार में कही। श्री सिन्हा ने कहा कि क्लस्टर एण्ड वेण्डर डेवलपमेंट के लिये उद्यमियों की समस्याओं का त्वरित समाधान करने के लिये इंदौर में सिंगल विण्डो व्यवस्था शुरू की जायेगी।
श्री सिन्हा ने कहा कि पूरे देश में वेण्डर डेवलपमेंट प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एमएसएमई के उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार के लिये इण्डियन इंस्टीटयूट ऑफ साइंस और काउंसिल ऑफ साइंस एण्ड इंडस्ट्रियल रिसर्च के साथ प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एडवाइजरी सर्विसेस ई एण्ड वाय एल एल पी श्री शशि कुमार सुन्दरराजन ने कहा कि वेण्डर को शासन की योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने मार्केटिंग सपोर्ट और टेक्निकल अपग्रेडेशन स्कीम के बारे में भी जानकारी दी। श्री सुन्दरराजन ने कहा कि वेण्डर को पूरे प्रदेश में एंकर यूनिट के साथ लिंकेज करनी चाहिए। पूर्व एडीशनल चीफ सेक्रेटरी श्री पी.के. दाश ने प्रदेश सरकार द्वारा क्लस्टर एण्ड वेंडर डेवलपमेंट के बारे में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
सेमीनार में एजीएम भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड प्रभाकर दास, ईडी आई एल एण्ड एफ एस क्लस्टर कृष्ण कुमार और एम डी बेण्ड ज्वाइंटस लिमिटेड उत्तम गांगुली ने भी महत्वपूर्ण सुझाव दिये। विशेषज्ञों ने उद्यमियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिये।
पैसे की नहीं आइडिया की है कमी
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