जोधपुर । जोधपुर का सबसे बड़े एमडीएम अस्पताल में कर्मचारियों द्वार कोरोना संक्रमित मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। एमडीएम अस्पताल में तैनात 14 नर्सिंगकर्मियों ने 240 रेमडेसिविर इंजेक्शन का घोटाला किया है। दरअसल, अस्पताल में जांच कमेटी के सामने आया था कि कोरोना विंग में मरीज़ो के नाम से रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी तो हुए, लेकिन जारी होने वाले मरीजों को ये इंजेक्शन लगे ही नहीं। इस बात खुलासा तब हुआ जब मरीज वार्ड में भर्ती ही नहीं है, लेकिन उनके नाम से इंजेक्शन जारी करवा लिए गए। जानकारी के मुताबिक, अप्रैल में इन नर्सिंगकर्मियों ने 213 मरीज़ो के लिए 279 इंजेक्शन जारी करवाए। इन 213 मरीज़ो की जांच में 14 नर्सिंगकर्मियों के घोटाले करने की पुष्टि हुई। हालांकि, 240 रेमड़ेसिविर इंजेक्शन घोटाले की बात सामने आई। उम्मीद जताई जार रही है कि इन नर्सिंगकर्मियों ने एक हजार से ऊपर इंजेक्शन का घोटाला किया है। बता दें कि भरत विश्नोई, पृथ्वीसिंह, दिलीप शर्मा, गौरी बंजारा, सुमन ढाका, कुलदीप, मीरा, संगीता, नरेश, अरुण, निर्मला, सीमा, मुलकांता व रेणु पर 240 रेमड़ेसिविर इंजेक्शन के घोटाले का आरोप है। साथ ही प्रेम सिंह, सरोज चौधरी, चैनाराम की भूमिका को संदिग्ध माना गया है।