भोपाल. मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह (Vijay Shah) ने कहा कि मध्यप्रदेश में सभी बाघ अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों (Tiger Sanctuary & National Park Tourists) के लिए एक जून से खोले जा रहे हैं. मालूम हो कि मध्य प्रदेश को देश में बाघ और तेंदुए के राज्य के तौर पर जाना जाता है. कोविड-19 (COVID-19) की दूसरी लहर के मद्देनजर लगभग दो माह पहले प्रदेश के बाघ अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यानों को एहतियान बंद कर दिया गया था.
शाह ने शनिवार को जारी एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘ कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण बाघ अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान बंद हैं. हम ये सभी पार्क और रिजर्व एक जून से 30 जून तक पर्यटकों के लिए खोल रहे हैं. इससे यहां पर्यटन की गतिविधियों में लगे लोगों को रोजगार मिलेगा.’’ मध्य प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपूड़ा और पन्ना सहित कई टाइगर रिजर्व और राष्ट्रीय उद्यान हैं. देश में सबसे अधिक बाघों की आबादी के चलते मध्यप्रदेश को ‘‘ टाइगर स्टेट ’’ के तौर पर जाना जाता है. वर्ष 2018 की गणना के अनुसार मध्य प्रदेश में 526 बाघ हैं. इसके साथ ही दिसंबर में केन्द्र द्वारा जारी एक आंकलन अनुसार देश में सबसे अधिक तेंदुओं की आबादी भी मध्यप्रदेश में है.


2018 के आकलन में बढ़कर 12,852 हो गई
कैमरा ट्रैपिंग पद्धति का उपयोग कर किए गए एक आकलन के अनुसार, ‘‘ वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश में सबसे अधिक 3,421 तेंदुए पाए गए. इसके बाद कर्नाटक में 1,783 और महाराष्ट्र में 1,690 तेंदुए पाए गए. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2014 में देश में तेंदुओं की संख्या 7,910 थी जो कि वर्ष 2018 के आकलन में बढ़कर 12,852 हो गई.’’


41 बाघ शावकों के यहां होने के प्रमाण मिले हैं
इससे पहले शुक्रवार को प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) में बाघ शावकों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई. वनकर्मियों ने बीटीआर में नवजात से एक साल तक की आयु के कम से कम 41 शावकों को देखा है. प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) ने शुक्रवार को बताया, ‘‘ बाधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा एक वर्ष तक के बाघों की जानकारी तैयार की गई है. इसमें विभिन्न गश्ती के दौरान ट्रैक कैमरा और प्रत्यक्ष रूप से देखे जाने के आधार पर 41 बाघ शावकों के यहां होने के प्रमाण मिले हैं.’’