प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में कटरा और श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई. यह कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र के बीच पहली सीधी रेल सेवा है. जो भारत की सबसे लंबी सुरंग से होकर गुजरेगी. वहीं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें वो वंदे भारत ट्रेन में सफर करते नजर आ रहे हैं जो टी-50 सुरंग से गुजरती नजर आ रही है. इस वीडियो के साथ उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि टी-50 (जम्मू-कश्मीर) भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग है.

बता दें कि टी-50 भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग है. खारी और सुंबर के बीच स्थित यह सुरंग 12.77 किमी लंबी है. इसके अलावा रेल लिंक में भारत की दूसरी सबसे लंबी परिवहन सुरंग, टी-80 (11.22 किमी) है. बनिहाल और काजीगुंड के बीच स्थित इसे पीर पंजाल रेलवे सुरंग के रूप में जाना जाता है.

जम्मू-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लाइन का सपना
इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ संकल्प के कारण कश्मीर को रेल मार्ग के जरिए देश के शेष हिस्सों से जोड़ने का सपना साकार हो पाया है. उन्होंने कहा कि देश का दशकों से जम्मू-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लाइन का सपना था. इसमें कई कठिनाइयां थीं, जैसे ऊंचे पर्वत और गहरी घाटियां. लेकिन हमें प्रकृति से नहीं लड़ना है.

पुलों और सुरंगों के नेटवर्क के माध्यम से यह रेलवे लाइन हकीकत में तब्दील हो गई. रेल मंत्री ने कटरा में पीएम मोदी द्वारा कश्मीर के लिए वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के अवसर पर कहा कि यह प्रधानमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति और ठोस प्रयास के कारण संभव हुआ.

मां भारती के मुकुट में एक और रत्न
उन्होंने रेल लाइन का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि मां भारती के मुकुट में एक और रत्न जुड़ गया है. रेल मंत्री ने यह भी कहा कि पीएम मोदी ने रेलवे मार्ग पर दो विशेष पुलों – चिनाब पुल और अंजी पुल का उद्घाटन किया. रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि चिनाब पुल 359 मीटर ऊंचा है, जो (पेरिस के) एफिल टॉवर से भी ऊंचा है. यह दुनिया का सबसे ऊंचा मेहराबदार रेलवे ब्रिज है. इस लाइन पर 12.77 किलोमीटर लंबी टी50 सुरंग, सबसे लंबी परिवहन सुरंग है.

हिमालय पर्वतमाला में सुरंग
उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन के कटरा-बनिहाल खंड का निर्माण कार्य चुनौतीपूर्ण था और इस पर काम 2014 के बाद शुरू हुआ. 111 किलोमीटर के खंड में से 97 किमी सुरंगों से होकर और 7 किमी पुलों के ऊपर से गुजरता है. उन्होंने कहा कि नए आविष्कार हुए और हिमालय पर्वतमाला में सुरंग बनाने की पद्धति शुरू की गई. मैं उन सभी इंजीनियरों और तकनीशियनों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में काम किया.

जम्मू स्टेशन पर चल रहा काम
रेल मंत्री ने यह भी कहा कि जम्मू स्टेशन पर बड़े पैमाने पर काम चल रहा है, जहां सितंबर तक तीन प्लेटफॉर्म बनकर तैयार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि आज (शुक्रवार) ट्रेन को कटरा से रवाना किया गया, लेकिन यह जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन है और सितंबर से, यह जम्मू से चलेगी.