देश के विकसित राज्यों में से एक कर्नाटक में पुरानी बाल विवाह की कुरीति अब भी निरंतर चली आ रही है। वर्ष 2024-25 में राज्य में 700 से बाल विवाह की घटनाएं हुईं। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने इस घटना पर काफी नाराजगी जताई है और जिलाधिकारियों को फटकार भी लगाई। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक राज्य के शिवमोग्गा, बेलगावी, चित्रदुर्ग, बागलकोट और मैसूरु जिले में बाल विवाह के सबसे अधिक मामले सामने आए। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 में 3489 पोक्सो मामलों में से 685 में नाबालिग लड़कियां गर्भवती हुईं।
बाल विवाह के हुए 3049 प्रयास
बाल विवाह के निरंतर प्रचलन और किशोर गर्भधारण में वृद्धि को मुख्यमंत्री ने गंभीर चिंता का विषय बताया। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2024-25 के दौरान राज्य में कुल 3049 बाल विवाह के प्रयास हुए। इसकी रिपोर्ट की गई। अधिकारियों ने समय पर हस्तक्षेप करते हुए 2349 मामलों को सफलतापूर्वक रोका। शेष लगभग 700 मामलों में बाल विवाह हुए जिनमें से कुछ किशोर लड़कियां मां बन गईं।
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश
पोक्सो अधिनियम के तहत अपराधों के संबंध में मुख्यमंत्री के गृह जिले मैसूरु में 162 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 53 मामले किशोर गर्भधारण से संबंधित थे। शिवमोग्गा में 231 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 55 गर्भधारण के मामले शामिल थे।