मुंबई। पूर्व भारतीय कप्तान अजीत वाडेकर का मानना है कि टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने चौथे टेस्ट में शिखर धवन की जगह गौतम गंभीर को खिलाकर बड़ी गलती की।

वाडेकर ने कहा कि अगर भारत को अपना सम्मान बचाना है और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज ड्रॉ करवानी है तो पांचवें और अंतिम मैच में शिखर को वापस लाना ही होगा। वाडेकर की कप्तानी में ही भारत ने 1971 में रे इलिंवर्थ की टीम को 1-0 से शिकस्त देकर पहली बार इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज जीती थी।

उन्होंने कहा, 'धवन को बाहर रखना एक गलती थी। बुरा लगता है जब गंभीर जैसे अनुभवी खिलाड़ी को खेलने के लिए तीन मैच का इंतजार करना पड़े। वह इसके लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होगा। मुझे लगता है कि टीम प्रबंधन भी धवन की वापसी चाहता है। मुझे भी ऐसा ही कठिन निर्णय लेना पड़ा था, जब 1971 में इरापल्ली प्रसन्ना जैसे शीर्ष स्पिनर को मैंने टीम से बाहर कर दिया था।

पूर्व भारतीय कोच और मैनेजर ने कहा कि हमें महसूस करना होगा कि अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है। हमारे पास अभी भी सीरीज बचाने का मौका है। ओल्ड टै्रफर्ड में जो कुछ भी हुआ हमें उसे भुलाकर और मजबूत होना होगा। धवन ने तीन मैचों की छह पारियों में कुल 122 रन बनाए हैं। इसके चलते उन्हें चौथे टेस्ट से बाहर कर दिया गया था। टीम इंडिया चौथा टेस्ट मैच तीन दिन में ही पारी और 54 रन से हार गई थी।