मध्यप्रदेश के ऊपर दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात), एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) और एक टर्फ एक्टिव है। इस वजह से पूरे प्रदेश में ओले, बारिश और आंधी का दौर चल रहा है। गुरुवार को भी ऐसा मौसम रहेगा। पश्चिमी हिस्से यानी, इंदौर संभाग के 6 जिलों में ओले भी गिर सकते हैं। इनमें खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर और झाबुआ शामिल हैं। वहीं, इंदौर, जबलपुर समेत 22 जिलों में तेज आंधी का अलर्ट है। इनमें श्योपुर, मुरैना, भिंड, नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, उज्जैन, देवास, शाजापुर, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, शहडोल, सिंगरौली में है।
कई जिलों में बारिश हुई, आंधी चली
इससे पहले भी मौसम का मिजाज बदला रहा। कई जिलों में बारिश हुई और आंधी चली। जिससे दिन के तापमान में भी गिरावट हुई है। बुधवार को इंदौर में पारे में 3.8 डिग्री की गिरावट के बाद 28.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इंदौर पचमढ़ी से भी ठंडा रहा। पचमढ़ी में तापमान 29.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे कम रहा।बुधवार को किसी भी शहर में तापमान 40 डिग्री के पार नहीं पहुंचा। नरसिंहपुर में सबसे ज्यादा 39.6 डिग्री पहुंचा। खजुराहो में 39.4 डिग्री, रीवा में 38.5 डिग्री, सीधी-मंडला में 38.4 डिग्री, उमरिया में 38.1 डिग्री और शिवपुरी-सतना में 38 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 31.4 डिग्री, ग्वालियर में 37 डिग्री, उज्जैन में 29 डिग्री और जबलपुर में पारा 36.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
इन चार सिस्टम से बदला मौसम
सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस, टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से प्रदेश में मौसम बदला हुआ है। गुरुवार को कई जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। ऐसा ही मौसम 11 मई तक बना रहेगा।
मई में पड़ेगी सबसे ज्यादा गर्मी
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में मई के महीने में ही सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है। पिछले 10 साल का ट्रेंड देखें तो कई शहरों में पारा 47-48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। दिन में हीट वेव चलेगी तो रातें भी गर्म रहेंगी। मई में बारिश का भी ट्रेंड रहता है। इस बार मई की शुरुआत में ही मौसम बदला हुआ है। पहले ही दिन कई जिलों में बारिश हुई।
इन जिलों में सबसे ज्यादा गर्मी
मौसम विभाग की मानें तो मई महीने में ग्वालियर, छतरपुर, नरसिंहपुर, निवाड़ी, मैहर, टीकमगढ़, भिंड, दतिया, खरगोन, बड़वानी, खंडवा, मुरैना, राजगढ़, रायसेन, शाजापुर, श्योपुरकलां, शिवपुरी और विदिशा जिलों में पारा 45 डिग्री या इससे ज्यादा रहने का अनुमान है। ग्वालियर-चंबल संभाग के साथ मालवा-निमाड़ के कुछ शहरों में भी तेज गर्मी रहेगी। छतरपुर के खजुराहो और नौगांव, निवाड़ी के पृथ्वीपुर में पारा 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
भोपाल में पारा 44 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है जबकि इंदौर, जबलपुर और उज्जैन में भी पारा इतना रह सकता है। बड़े शहरों में ग्वालियर में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ेगी। यहां पारा 46-47 डिग्री के बीच पहुंचने का अनुमान है।
इस बार ऐसा रहा अप्रैल का महीना
अप्रैल के पहले, दूसरे और तीसरे सप्ताह में तेज गर्मी और बारिश का दौर बना रहा। पहले सप्ताह में सभी संभागों में सामान्य से 2-3 डिग्री ज्यादा 21-24 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। वहीं, दिन में पश्चिमी गर्म हवाओं के कारण अधिकतम तापमान इंदौर, सागर और नर्मदापुरम संभागों में सामान्य से ज्यादा 39 से 44 डिग्री तक पहुंच गया। उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर समेत बाकी संभागों में यह 41 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। पहले सप्ताह रतलाम में लू चल चुकी है। वहीं, बाकी शहरों में गर्म हवाओं से गर्मी बढ़ी रही।
दूसरे सप्ताह में पूरे प्रदेश में तेज आंधी, बारिश, ओले और गरज-चमक की स्थिति बनी रही। प्रदेश के 80 प्रतिशत हिस्से में बारिश हुई। दूसरी ओर, कुछ जिलों में गर्मी का असर भी रहा। तीसरे सप्ताह में उत्तर-पश्चिमी हवाओं के जोर पकड़ने के साथ इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, नर्मदापुरम संभागों में न्यूनतम तापमान 25 से 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। वहीं, पूरे प्रदेश में दिन में अधिकतम तापमान 40 से 44 डिग्री सेल्सियस या इससे ज्यादा रहा। कई जिलों में लू भी चली।
वहीं, आखिरी सप्ताह में प्रदेश में ओले, बारिश का दौर शुरू हो गया। 25 अप्रैल के बाद से ऐसा मौसम रहा। वेस्टर्न डिस्टरबेंस, टर्फ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के एक्टिव होने से ऐसा हुआ।