
इंदौर: इंदौर में शाम 4 बजे मॉक ड्रिल की गई। इसके लिए छह जगह चुनी गई हैं। इसकी शुरुआत इंदौर के डेंटल कॉलेज से हुई। सबसे पहले धमाका किया गया। कॉलेज के मुख्य हिस्से में आग लगा दी गई। कुछ ही देर बाद एनसीसी कैडेट, फायर ब्रिगेड के कर्मचारी और पुलिस के जवान पहुंच गए।
अस्पताल के कर्मचारियों और मरीजों को छत पर जाने को कहा गया। बाद में उन्हें निकालने का अभ्यास कराया गया। उन्हें रस्सियों के सहारे नीचे उतारा गया। तब तक वहां दस से ज्यादा एंबुलेंस आ चुकी थीं। इनमें विस्फोट के घायलों और मरीजों को ले जाया गया। इस दौरान लोगों को स्पीकर के जरिए बताया भी जा रहा था कि क्या करना है। अभ्यास के दौरान फायर ब्रिगेड की पांच दमकल गाड़ियों के अलावा नगर निगम के टैंकर, मेडिकल स्टाफ, होमगार्ड, एनडीआरएफ, नगर सुरक्षा समिति के सदस्यों को भी प्रशिक्षित किया गया। अस्पताल परिसर में पानी का छिड़काव करने वाले वाहन वरुण और वज्र भी मौजूद रहे।
रस्सियों के सहारे मरीजों को बचाया गया
विस्फोट के बाद अस्पताल की बिल्डिंग को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसके बाद दमकल कर्मियों ने अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर फंसे लोगों को रस्सियों के सहारे नीचे उतारने का अभ्यास किया। इसके अलावा दमकल कर्मियों ने अस्पताल की बिल्डिंग पर पानी का छिड़काव भी किया। अस्पताल में करीब आधे घंटे तक मॉक ड्रिल की गई। इसे देखने के लिए परिसर में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। अस्पताल परिसर में बैरिकेडिंग भी लगाई गई थी। डेंटल कॉलेज के अलावा मेडिकल कॉलेज ब्वॉयज हॉस्टल और रेजीडेंस एरिया में भी मॉक ड्रिल की गई।