जयपुर । कांग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भजनलाल सरकार पर बड़ा हमला बोला है पाली में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए पायलट ने जोधपुर एयरपोर्ट पर जातिगत जनगणना को लेकर मीडिया से बातचीत की करते हुए कहा कि केंद्र को घोषणा करनी पड़ी. इसकी मांग राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी लंबे समय से कर रहे थे. अब हमारा प्रयास होगा कि इसका समय तय कर उसे शुरू करवाया जाए. इससे यह केवल घोषणा नहीं रहे, पूरा डेटा पारदर्शी हो और समय पर काम पूरा होना चाहिए. इससे लोगों के लिए नीति निर्धारण हो सकेगा. कांग्रेस के दबाव में ही यह फैसला हुआ है। 
भाजपा के नेता और मंत्री जातिगत जनगणना की मजाक उड़ाते थे, राहुल गांधी को अर्बन नक्सली तक कहा गया. वह कहते थे एक हैं तो सेफ हैं, बटोगे तो काटोगे. अब सरकार को खुद इसकी स्वीकृति जारी करनी पड़ी है। भर्ती घोटाले में मंत्री केके विश्नोई का नाम आने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर मंत्री पर आरोप लगाते हैं तो सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सामने आकर जवाब दें, स्पष्टीकरण दें, लेकिन यहां बहुत बुरी स्थिति है. सरकार सफाई देने को तैयार नहीं है. यहां सरकार नौकरशाही चला रहे हैं. मंत्री-विधायक रोते फिर रहे हैं. उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. नेतृत्व कौन कर रहा है, सरकार कौन चला रहा है? यह सब कार्यशैली जनता देख रही है।उन्होंने कहा कि सवा साल हो गया है सरकार के, पहला एक साल काफी महत्वपूर्ण होता है. जनता को दिशा मिलती है सरकार के कामों की, लेकिन यहां सत्ता के इतने केंद्र हो रखे हैं कुछ पता नहीं चल रहा है. ऐसा ही भर्ती घोटाले में कमेटी सिफारिश कर चुकी है. भर्ती रद्द होनी चाहिए, कोर्ट कह रही है, लेकिन सरकार की न जानें क्या मजबूरी है, जिसके चलते इसे रद्द नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो खुद आरपीएससी को भंग करने की मांग रख चुके हैं, क्योंकि वहां पारदर्शिता नहीं है।