रांची। झारखंड में 10 पाकिस्तानी नागरिक अब भी रह रहे हैं, जबकि भारत सरकार ने वीजा लेकर भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के निर्देश दिए हैं। इनमें से 7 बालिग और 3 नाबालिग हैं। खास बात यह है कि सभी बालिग नागरिक लॉन्ग टर्म वीजा (एलटीवी) पर भारत में रह रहे हैं, जिसके चलते उनके तत्काल निष्कासन पर कानूनी अड़चनें सामने आ रही हैं।
इस मामले में स्थानीय पुलिस और विदेश शाखा के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि अंतिम निर्णय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक ही लिया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, लॉन्ग टर्म वीजा धारकों के मामले में केंद्र सरकार ने कुछ नरमी दिखाई है, और इन्हें तुरंत देश छोड़ने के लिए बाध्य नहीं किया गया है।
परिवारिक संबंध बना वजह
बताया जा रहा है कि इन पाकिस्तानी नागरिकों का झारखंड से जुड़ाव अंतरराष्ट्रीय वैवाहिक संबंधों के चलते हुआ है। कई नागरिक भारतीय नागरिकों से विवाह कर यहां बसे हैं। तीन नाबालिग बच्चे अपने ननिहाल (मातृ पक्ष) में रह रहे हैं। ये नागरिक रांची, धनबाद, जमशेदपुर और हजारीबाग जैसे शहरों में अलग-अलग जगहों पर बसे हुए हैं।
केंद्र सरकार की कड़ी नजर
देशभर में चल रही इस प्रक्रिया के तहत हर राज्य की पुलिस और विदेशी शाखा पाकिस्तानी नागरिकों का विवरण एकत्र कर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज रही है। गृह मंत्रालय ही तय करेगा कि किसे भारत में रहने की अनुमति दी जाएगी और किसे वापस भेजा जाएगा। झारखंड में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के भविष्य को लेकर स्थिति फिलहाल अनिश्चित है।
क्या है लॉन्ग टर्म वीजा?
लॉन्ग टर्म वीजा भारत सरकार द्वारा उन नागरिकों को दिया जाता है जो किसी भारतीय नागरिक से विवाह के बाद या अन्य मानवीय आधार पर भारत में रहना चाहते हैं। ऐसे वीजा धारकों को विशेष सुरक्षा और कानूनी संरक्षण प्राप्त होता है, और उन्हें सामान्य वीजा धारकों की तरह अचानक देश छोड़ने के आदेश नहीं दिए जा सकते।
झारखंड में रह रहे 10 पाकिस्तानी नागरिकों पर सस्पेंस, लॉन्ग टर्म वीजा बना ढाल, पुलिस भी लाचार
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