तिरुवनंतपुरम। केरल का एक युवक, जैन टी कुरियन, जो रूस की सेना द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में भेजे जाने पर मजबूर हुआ था, अंततः अपनी मातृभूमि लौट आया है। 27 वर्षीय जैन, जो रूस के युद्ध में घायल हो गया था की गुरुवार को घर वापसी हुई है। उसकी घर वापसी भारतीय दूतावास की मदद और उनके परिवार द्वारा की गई लगातार कोशिशों से संभव हो सकी है।
यहां बताते चलें कि जैन टी कुरियन त्रिशूर जिले के वडक्कनचेरी का निवासी है और रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान जनवरी में एक ड्रोन हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस हमले में उनके रिश्तेदार बिनिल टी बी (32) की मौत हो गई थी। हालांकि, बिनिल का शव अब तक भारत नहीं पहुंच पाया है। जैन को इलाज के लिए रूस में चार महीने तक अस्पताल में रहना पड़ा और उन्हें यह डर था कि इलाज के बाद उन्हें फिर से युद्ध में भेज दिया जाएगा।
जैन ने बताया कि 6 जनवरी को उन्हें रोस्तोव-ऑन-डॉन के पास चोटें आईं थीं, जो मॉस्को से लगभग 1,000 किलोमीटर दूर स्थित है। वहां उनके पेट में गंभीर चोटें आईं, और उन्हें कई सर्जरी से गुजरना पड़ा। जैन को 22 अप्रैल को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद फिर से युद्ध में भेजने का आदेश दिया गया। इसके बाद उन्होंने भारतीय दूतावास को सूचित किया, जिसके बाद उनकी वापसी सुनिश्चित हो पाई।
पारिवारिक ने ली राहत की सांस
जैन के घर लौटने पर उनके परिजनों ने राहत की सांस ली और उन्हें गले से लगा लिया। उनका परिवार लंबे समय से उनके सुरक्षित घर लौटने की प्रार्थना कर रहा था। जैन और बिनिल उन भारतीयों में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल अप्रैल में रूस में सेना के सहायक कार्यों के लिए नौकरी की उम्मीद में कदम रखा था। बताया जा रहा है कि रूस पहुंचते ही उन्हें भारतीय पासपोर्ट छोड़ने, स्थायी निवास लेने, और सेना में भर्ती होकर युद्ध में जाने के लिए मजबूर किया गया था। जैन और बिनिल ने अपनी जान को खतरे में बताते हुए कई बार मदद की गुहार लगाई थी।
रूस-यूक्रेन जंग में शामिल हुआ केरल का युवक, घायल हो वापस घर लौटा
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