सरकारी अमले के रिटायरमेंट की उम्र पर देश के अलग अलग राज्यों में अलग अलग प्रावधान हैं। मध्यप्रदेश में इसपर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ा दी है। इसके अंतर्गत डॉक्टर्स की संविदा नियुक्ति में आयुसीमा में 5 साल की बढ़ोत्तरी की गई है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी की दूर करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। प्रदेश के डिप्टी सीएम और लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने इसके लिए प्रस्ताव बनाने को कहा है जिसे केबिनेट में मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा। इससे पहले सीएम डॉ. मोहन यादव भी भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक सीनियर डॉक्टर्स की सेवाएं लेने की बात कह चुके हैं। डिप्टी सीएम और लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने शनिवार को अपने विभाग से संबंधित विषयों की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने अफसरों से रीवा और इंदौर के मेडिकल कॉलेजों के अपग्रेडेशन के प्रस्ताव जल्द बनाने को कहा। एमपीपीएससी से मेडिकल ऑफिसर और विशेषज्ञ डॉक्टर्स की भर्ती प्रक्रिया भी समय सीमा में कराने के निर्देश दिए।

 

डॉक्टर्स की संविदा नियुक्ति अब 70 साल तक की उम्र तक
समीक्षा बैठक में डिप्टी सीएम और लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने अहम बात कही। उन्होंने बताया कि डॉक्टर्स की संविदा नियुक्ति अब 70 साल तक की उम्र तक की जा सकेगी। इसके लिए उन्होंने अफसरों को प्रस्ताव तैयार करने को कहा। यह प्रस्ताव प्रदेश कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए जाएगा। डिप्टी सीएम राजेेंद्र शुक्ल के अनुसार इससे न केवल सरकारी अस्पतालों में इलाज में सुविधा होगी बल्कि मरीजों को वरिष्ठ डॉक्टर्स की विशेषज्ञता और उनके अनुभव का लाभ भी मिलेगा।


आयुसीमा में 5 साल का इजाफा किया
बता दें कि मध्यप्रदेश में सरकारी अस्पतालों में अभी संविदा डॉक्टर्स की रिटायरमेंट आयु 65 साल है। इस प्रकार आयुसीमा में 5 साल का इजाफा किया गया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी सरकारी अस्पतालों में वरिष्ठ डॉक्टर्स की सेवाएं लेने के निर्देश दिए थे। लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में ही उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश दिए थे।