उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की भरथना तहसील क्षेत्र के ग्राम नगला सतनू से एक खौफनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को सन्न कर दिया. खेत से घर लौट रही चार वर्षीय मासूम बच्ची सौम्या को झाड़ियों में छिपे जंगली कुत्तों ने नोंच-नोंच कर मौत के घाट उतार दिया. बच्ची की चीख-पुकार सुनने वाला वहां कोई नहीं था और थोड़ी ही देर में उसकी दर्दनाक मौत हो गई.

मृतका सोम्या गांव निवासी विपिन जाटव की इकलौती बेटी थी. घटना के समय विपिन खेत में मूंगफली की निराई कर रहा था. दोपहर के समय सोम्या अपने पिता के पास खेत में पहुंची थी. कुछ देर खेलने और रुकने के बाद वह अकेले घर की ओर लौट रही थी, तभी रास्ते में छिपे जंगली कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया. बच्ची के शरीर को कुत्तों ने कई जगहों से नोंच डाला, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

बच्ची का क्षतविक्षत मिला शव
शाम को जब विपिन खेत से घर पहुंचा और पत्नी रेखा से बातचीत की तो पता चला कि सोम्या अभी तक घर नहीं पहुंची है. दोनों घबरा गए और ग्रामीणों के साथ मिलकर इधर-उधर खोजबीन शुरू की गई. कुछ ही देर में बच्ची का शव खेत के पास झाड़ियों में क्षतविक्षत हालत में मिला. इस दृश्य को देख परिजन और ग्रामीण बेसुध हो गए.

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गया. मौके पर एसपी ग्रामीण सतपाल सिंह, क्षेत्राधिकारी अतुल प्रधान और साम्हों चौकी प्रभारी धर्मेंद्र कुमार भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.

कुत्तों के आतंक की दी जानकारी
गांव वालों ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब कुत्तों ने हमला किया हो. ग्रामीण राजू ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्हीं कुत्तों ने उसके घर के बाहर बंधे दो बकरी के बच्चों पर भी हमला किया था, लेकिन शोर मचाकर उन्हें बचा लिया गया था. गांव के अन्य निवासियों ने बताया कि कुत्तों का यह झुंड अक्सर बच्चों और पशुओं पर हमला करता है, जिससे लोगों में भय का माहौल है.