उत्तर प्रदेश की गाजीपुर पुलिस ने 12 साल से फरार चल रहे प्रधान के कातिल को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उसपर 50000 रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. शातिर आरोपी अपना नाम और पता बदलकर महाराष्ट्र में रह रहा था. उसने महाराष्ट्र का आधार कार्ड भी बनवा रखा था. एसटीएफ व सैदपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने आरोपी को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने प्रधान की हत्या करके 12 सालों से फरार चल रहे 50 हजार रुपये के इनामिया गैंगस्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. करीब 12 साल पूर्व डहरा कलां के प्रधान रहे अनिल यादव को प्रहलाद गोंड पुत्र सुरेंद्र गोंड ने अपने सगे भाई करमेश गोंड के साथ मिलकर उसे अपने घर बुलाया और उसे चाकुओं से गोदकर उसकी हत्या कर दी थी.

12 साल पहले की थी प्रधान की हत्या
घटनाक्रम के मुताबिक, 12 साल पूर्व प्रधान रहे अनिल यादव की प्रहलाद के पिता सुरेंद्र से दोस्ती थी. सुरेंद्र गाड़ी मैकेनिक का काम करता था. अनिल, सुरेंद्र के दुकान पर बैठता था और उसके घर पर पार्टी भी होती थी. एक दिन सुरेंद्र के घर पर मुर्गा दारू की पार्टी थी. वहां किसी बात पर सुरेंद्र व अनिल में बहस हुई और अनिल ने सुरेंद्र को 2-4 थप्पड़ मार दिया था. ये बात पूरे परिवार को नागवार गुजरी, जिसके बाद प्रहलाद व उसके भाई करमेश ने प्लान बनाकर कुछ ही दिनों में मछली की पार्टी का बहाना बनाकर दिन में ही अनिल को अपने घर बुलाया.

पुलिस ने रखा 50 हजार रुपये का इनाम
अनिल पार्टी में शामिल होने गया. उसने वहां खाना खाया, जिसके बाद दोनों भाईयों ने घर के अंदर अनिल की चाकू से बेहद नृशंसता से हत्या कर दी थी. उसके बाद दोनों वहां से फरार हो गए. इसके बाद से ही पुलिस उन दोनों की तलाश कर रही थी. लेकिन दोनों नहीं मिले, जिसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ गैंगस्टर की धारा में कार्रवाई करते हुए उनपर 50-50 हजार रुपये का ईनाम भी घोषित किया.

पहचान छुपाकर रह रहा था महाराष्ट्र
इस बीच पुलिस को सूचना मिली कि प्रहलाद गोंड महाराष्ट्र के थाणे स्थित कालेपडल के फुरसुगी के पास एकनाथपुरम बिल्डिंग में छिपा हुआ है. सैदपुर पुलिस व एसटीएफ की वाराणसी यूनिट ने छापेमारी की और वहां से उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस उसे न्यायालय में पेश कर रिमांड पर सैदपुर लेकर आई, यहां पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया.

मिली जानकारी के अनुसार, प्रह्लाद ने अपनी पुरानी पहचान छुपाते हुए, नई पहचान के तहत महाराष्ट्र में ही अपना आधार कार्ड भी बनवा लिया था. जिससे किसी को यह शक ना हो कि प्रहलाद महाराष्ट्र के बजाए कहीं और का रहने वाला है. इधर, पुलिस ने इनामिया अपराधियों की लिस्ट जारी की. फिर 15 दिनों के लिए अभियान चलाया. इस अभियान के तहत प्रहलाद गोड की भी एसटीएफ और सैदपुर पुलिस को जानकारी मिली और फिर उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया.