
भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विश्व पुस्तक दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि सभी लोग पुस्तक मेले का भरपूर लाभ उठाएंगे। उन्होंने विश्व पुस्तक दिवस पर सभी से अपने साथ कोई न कोई पुस्तक अवश्य रखने का आह्वान किया। पुस्तक पढ़ने का आनंद सबसे अच्छा होता है। विशेषकर जब हमारा पुस्तकालय समृद्ध हो, तो यह ज्ञान अर्जित करने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावना और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की दूरदर्शिता से देश के इतिहास में पहली बार चिकित्सा शिक्षा सहित समस्त तकनीकी शिक्षा को क्षेत्रीय भाषाओं, राष्ट्रभाषा में पढ़ाने का अभियान चलाया गया है, जिसमें पुस्तकें सशक्त माध्यम बन रही हैं।
मध्य प्रदेश चिकित्सा शिक्षा को हिन्दी भाषा में पढ़ाने वाला पहला राज्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन को मूर्त रूप देते हुए तकनीकी शिक्षा में मातृभाषा हिन्दी को प्राथमिकता दी है, ताकि प्रत्येक विद्यार्थी को बिना किसी भाषाई बाधा के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर देश का ऐसा पहला विश्वविद्यालय बन गया है, जिसने चिकित्सा शिक्षा को हिंदी भाषा में पढ़ाने का ऐतिहासिक कार्य किया है। चिकित्सा, दंत चिकित्सा, पैरामेडिकल आदि सभी संकायों की परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र अब विद्यार्थियों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे वे विद्यार्थी जो विषय-वस्तु में पारंगत हैं, लेकिन अंग्रेजी में कमजोर हैं, वे अब आत्मविश्वास के साथ परीक्षा दे पा रहे हैं।
विद्यार्थियों को उत्तर पुस्तिकाओं में हिंदी में उत्तर लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा प्रायोगिक परीक्षाओं में भी उन्हें हिंदी भाषा में उत्तर देने की अनुमति दी गई है। इस पहल से विद्यार्थियों के प्रायोगिक ज्ञान का उनकी भाषाई सुविधा के अनुसार मूल्यांकन संभव हो रहा है। इसके अलावा, प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में हिंदी भाषा में चिकित्सा संबंधी पुस्तकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, ताकि विद्यार्थियों को विषय के गहन अध्ययन में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।