अगर मन में कुछ करने का जज्बा हो तो कोई भी परेशानी आपकी सफलता में बाधा नहीं बन सकती. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है वैशाली जिले के प्रिंस राज ने. जिसने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से, ना सिर्फ यूपीएससी परीक्षा पास की बल्कि, 141 वीं रैंक लाकर जिले का नाम भी रौशन कर दिया है. प्रिंस की सफलता पर माता-पिता और परिवार के लोगों ने खुशी जाहिर की है. परिजनों ने कहा प्रिंस को शुरू से ही पढ़ने का शौक था.

वैशाली जिले के हाजीपुर शहर के गांधी आश्रम मोहल्ले के रहने वाले शिक्षक त्रिवेणी प्रसाद के बेटे प्रिंस राज की प्रारंभिक पढ़ाई हाजीपुर से हुई. उसने दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई भी वैशाली जिले से ही की. जिसके बाद प्रिंस ने आईआईटी से ग्रेजुएशन किया और फिर 4 साल से यूपीएससी की तैयारी कर रहा था. प्रिंस ने बताया कि उसने कभी 6-7 घण्टे से अधिक पढ़ाई नहीं की. क्योंकि उसे पता था कि मेहनत करना है परिणाम की चिंता नहीं करनी है.

बचपन से पढ़ने का था शौक

इसी मूल मंत्र पर चलते हुए प्रिंस ने आखिरकार देश की सबसे कठिन परीक्षा को पास कर लिया है. प्रिंस की सफलता से जहां माता पिता और पूरा परिवार खुश है वहीं बधाई देने वालों का घर पर तांता लगा हुआ है. प्रिंस की मां ने कहा कि प्रिंस बचपन से ही पढ़ने में अच्छा था. उसे कभी पढ़ने के लिए बोलने की जरूरत नहीं पड़ी. क्योंकि उसका जब भी मन होता था वह पढ़ने बैठ जाता था.

मां-पिता ने जाहिर की खुशी

प्रिंस ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने माता पिता का ही नहीं बल्कि जिले का भी नाम रोशन किया है. प्रिंस की मां रीता देवी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि बेटा शुरू से ही पढ़ने में रुचि रखता था. उसको जब भी समय मिलता था वो पढ़ने के लिए बैठ जाता है. उसको शुरू से ही पढ़ने का शौक था.