
आरजेडी के नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा को लेकर ताना बाना बुनना शुरू कर दिया है. बिहार चुनाव को लेकर मंथन करने के लिए तेजस्वी यादव मंगलवार को दिल्ली आ रहे हैं. दिल्ली में वो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात करेंगे. इसी को लेकर आरजेडी के नेता मनोज झा ने बताया कि इस मुलाकात के क्या सियासी मायने हैं.
दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की मुलाकात होगी. हालांकि, इसी बीच सामने आ रहा है कि बिहार में सीएम चेहरा घोषित करने को लेकर आरजेडी और कांग्रेस में मतभेद है. इसी बीच जहां महागठबंधन की बैठक 17 अप्रैल को पटना में प्रस्तावित है. वहीं, इस महागठबंधन की इस बैठक से पहले 15 अप्रैल को दोनों नेता कई मामलों को लेकर चर्चा करेंगे.
क्या है मीटिंग के सियासी मायने?
पार्टी के शीर्ष नेताओं की मीटिंग को लेकर आरजेडी के सांसद मनोज झा से सवाल पूछा गया. उन से पूछा गया कि बिहार में विधानसभा चुनाव है और इस बीच गठबंधन में आप लोगों को चुनाव लड़ना है. तेजस्वी यादव की मुलाकात मंगलवार को कांग्रेस के अध्यक्ष से दिल्ली में होगी. किन रणनीतियों पर चर्चा होगी. इस सवाल के जवाब में मनोज झा ने कहा, पहली बात तो यह औपचारिक बैठक है. जाहिर है कि एक लंबे अरसे से अब अगर कांग्रेस के गठबंधन को देखे तो आरजेडी इसकी सबसे पुरानी सहयोगी है. तो जाहिर है कि इस औपचारिक बैठक में एक पूरे परिदृश्य पर बात होगी.
मनोज झा ने आगे कहा, यह बैठक बिहार के पूरे संदर्भ को देखते हुए शेड्यूल की गई है. क्योंकि चुनाव अब तकरीबन 6-8 महीने दूर है. तो इस पर बात होगी.
सीएम फेस पर मतभेद
इस मीटिंग के दौरान दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग और सीएम फेस को लेकर भी चर्चा होगी.आरजेडी और कांग्रसे के बीच सीएम फेस को लेकर मतभेद नजर आ रहे हैं. जहां एक तरफ आरजेडी तेजस्वी को सीएम बनाने के साथ चुनाव में हवा तय कर रही है. वहीं, कांग्रेस का रुख आरजेडी से मिलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. बिहार कांग्रेस के प्रभारी ने हाल ही में कहा कि अभी सीएम चेहरा तय नहीं किया गया है. वहीं, दूसरी तरफ उनके विधायक कह रहे हैं कि सब कुछ तय है.
बिहार में कांग्रेस के नए प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के मुताबिक, महागठबंधन की तरफ से सीएम का कोई चेहरा अभी तय नहीं किया गया है और इसका फैसला महागठबंधन की सहमति से लिया जाएगा.