महानगरों में घरों का आकार छोटा होने के कारण, दूसरे घर (सेकंड होम) की मांग बढ़ रही है। ये घर मुख्य रूप से शहरों के बाहरी इलाकों में मनोरंजन के लिए इस्तेमाल होते हैं और अब इसमें दोहरे मकसद से निवेश किया जा रहा है। प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को मिलने वाले कर लाभ और घरेलू खरीदारों के लिए आकर्षक विकल्प के कारण इन प्रॉपर्टी को दो वजहों, जीवनशैली को बेहतर बनाने और रणनीतिक वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में अहम माना जा रहा है।
देश के रियल एस्टेट डेवलपर के राष्ट्रीय संगठन, कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के अध्यक्ष बमन ईरानी कहते हैं, ‘पिछले दो वर्षों में उभरते हुए सेकंड होम सेगमेंट में प्लॉट और हॉलिडे होम की बिक्री लगभग 15-20 प्रतिशत बढ़ी है। प्रमुख महानगरों से 100-150 किलोमीटर की दूरी वाली जगहों में खरीदारों की दिलचस्पी में 25-30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है जिसका कारण बेहतर बुनियादी ढांचा और बेहतर कनेक्टिविटी है।’
भारतीय शहरों में ऐसे सेकंड होम की मांग बढ़ रही है जहां विस्तार किए जाने लायक हरियाली वाले स्थान हों। उदाहरण के तौर पर बेंगलूरु में, नंदी हिल्स और बन्नेरघट्टा नैशनल पार्क के पास जिगनी उभरती हुई जगहों में शामिल है। वहीं चेन्नई में, ईसीआर पर महाबलीपुरम और कोवलम मुख्य सड़क पर समुद्र तट के किनारे वाले घरों के कारण खरीदार आकर्षित होते हैं।
मुंबई में अलीबाग और कर्जत में अच्छी-खासी मांग देखी जा रही है जबकि पुणे के लोगों की दिलचस्पी लोनावाला में है। वहीं दिल्ली में छतरपुर और महरौली-गुड़गांव रोड (सुल्तानपुर) में मौजूद फार्महाउस काफी लोकप्रिय हैं।
सेकंड होम की कीमत आमतौर पर 1 करोड़ से 3.5 करोड़ रुपये के दायरे में है और प्रॉपर्टी का आकार 1,000 से 3,000 वर्गफुट तक है। केंद्रीय बजट 2025 में किराये में स्रोत पर कर कटौती को सरल बनाया गया जिसके कारण घर के मालिकों को दो प्रॉपर्टी को कर मुक्त बताने का दावा करने का मौका मिला।
एनारॉक समूह के अध्यक्ष अनुज पुरी कहते हैं, ‘नॉमिनल किराये की आय पर कराधान हटाने से घर खरीदने के रुझान को बढ़ावा मिलता है और इससे रियल एस्टेट निवेश विशेषतौर पर सेकंड होम के बाजार में वृद्धि होती है।’ एटमॉस्फेयर लिविंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संदीप आहूजा ने कहा, ‘2025 के बजट में सेकंड होम में आयकर राहत जैसे अतिरिक्त प्रोत्साहन ने उन्हें जीवनशैली को बेहतर बनाने और ठोस निवेश दोनों ही रूप में अधिक आकर्षक बना दिया है।’
बाजार के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि अति धनाढ्य व्यक्ति (एचएनआई) अपनी पसंदीदा पर्यटन स्थलों वाली जगहों पर छुट्टियां बिताने वाली जगह के लिए या सेकंड होम के लिए निवेश करते हैं और कई पेशेवर अपना करियर खत्म होने के बाद भविष्य में रहने के लिए रिटायरमेंट होम में निवेश करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई अमीर भारतीय अपनी सुविधा के लिए और अपने कारोबार और परिवारों के करीब रहने के लिए कई शहरों में दूसरे घर रखते हैं। ये कारक रियल एस्टेट कंपनियों को इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाने और भीड़ से अलग दिखने के लिए कुछ अनूठी बिक्री सेवाओं के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
कुशमैन ऐंड वेकफील्ड के प्रबंध निदेशक (आवासीय सेवाएं) शालिन रैना ने कहा कि बेहतर बुनियादी ढांचा और कनेक्टिविटी जैसे कि एक्सप्रेसवे आदि और प्रमुख सेकंड होम वाले लोकेशन के लिए सीधी उड़ानें, इस मांग को और बढ़ाएंगी।
रैना ने आगे कहा, ‘इन स्थानों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बेहतर बनाना भी महत्वपूर्ण होगा, खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए। आखिर में सतत विकास का समर्थन करने वाली और उभरते सेकंड होम बाजारों में रियल एस्टेट निवेश को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां इस श्रेणी के दीर्घकालिक विकास में योगदान देंगी।’
सत्व समूह में बिक्री, मार्केटिंग और सीआरएम की उपाध्यक्ष करिश्मा सिंह ने सरकारी प्रोत्साहनों से प्रेरित होकर आवासीय बाजार में प्रवेश करने वाली महिलाओं की बढ़ती तादाद पर जोर दिया।
मुंबई के इरा लाइफस्पेस के संस्थापक विकास सुतारिया वेलनेस आधारित सुविधाओं और हरियाली वाली लक्जरी विला परियोजनाओं की मांग में बढ़ोतरी देख रहे हैं जिसके कारण यह सेकंड होम निवेशकों के लिए तेजी से लोकप्रिय विकल्प बन रहा है। सुतारिया कहते हैं, ‘हम लोनावाला और अलीबाग जैसी जगहों में प्रीमियम सेकंड होम का बेहतर अनुभव देकर इस बढ़ती मांग का रणनीतिक रूप से फायदा कर रहे हैं। हमारा ध्यान बेहतरीन सुविधाओं के साथ लक्जरी विला वाला समुदाय तैयार करने पर है। इसके अतिरिक्त, हम अपनी पेशकश को एचएनआई, एनआरआई और शहरी पेशेवरों की आकांक्षाओं के साथ जोड़ रहे हैं जो एक सेकंड होम की तलाश में हैं और यह बेहतरीन जीवन शैली का अनुभव देने के साथ ही एक ठोस निवेश भी साबित हो।’
शहरीकरण और रियल एस्टेट की बढ़ती कीमतों के चलते महानगरों में घर का आकार छोटा हो रहा है और इसके कारण ही घरों के खरीदार शहर के बाहरी इलाकों में दूसरे घरों में निवेश करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं जहां काफी बड़े घर का विकल्प मिल सकता है।
वाधवा समूह के सीईओ (टाउनशिप) संदीप संथालिया कहते हैं, ‘इसके अलावा इन क्षेत्रों में बंगले और प्लॉट पर विकास करने की प्राथमिकता बढ़ रही है क्योंकि घर खरीदने वाले रहने की बड़ी जगह की तलाश करते हैं जो बेहतर और व्यापक जीवन शैली वाली उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप हो।’ समूह ने प्रमुख स्थानों में प्लॉट का विकास करने, बंगले और एकीकृत टाउनशिप पर अपना ध्यान देना शुरू किया है। साथ ही यह सेकंड होम खरीदारों और बड़े तथा आधुनिक घरों की तलाश करने वालों को लक्षित कर रहा है। भारत में रियल एस्टेट एक ऐसा क्षेत्र रहा है जिस संपत्ति वर्ग की कीमत लगातार बढ़ती रही है। ऐसे में सेकंड होम एक बेहतर निवेश है। सत्व की करिश्मा सिंह कहती हैं, ‘ये आपको निवेश को अलग-अलग जगहों पर लगाने, संपत्ति को सुरक्षित रखने और महंगाई से सुरक्षा देने के लिए अहम हैं क्योंकि ये असल संपत्ति के रूप में मौजूद होते हैं। साथ ही रिटायर होने के बाद अच्छी जगहों पर रहने के लिहाज से भी ये बेहतर साबित हो रहे हैं।’