
उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज रही बहुजन समाज पार्टी आज मुश्किलों के दौर से गुजर रही है. एक तरफ बसपा प्रमुख मायावती के पुराने सिपहसालार एक एक करके पार्टी छोड़कर जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ जिला लेवल पर भी घमासान मचा हुआ है. सोमवार को बहुजन समाज पार्टी ने कानपुर शहर के अपने दो पूर्व जिलाध्यक्षों को पार्टी से बाहर कर दी है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसमें से एक को कुछ दिन पहले ही जिलाध्यक्ष बनाया गया था और फिर तुरंत बाद ही हटा भी दिया गया था.
बहुजन समाज पार्टी के पुराने नेता एक-एक करके पार्टी का दामन छोड़कर दूसरी पार्टियों का सहारा ले रहे हैं. कानपुर की बात करें तो यहां मात्र डेढ़ साल के अंदर 8 जिलाध्यक्ष बदले जा चुके हैं. अब पार्टी प्रमुख ने कड़ा कदम उठाते हुए दो पूर्व जिलाध्यक्षों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
महज 2 दिन रहे बीएसपी के जिलाध्यक्ष
पार्टी ने संजय गौतम और आनंद कुरील को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इसमें से संजय गौतम को कुछ दिन पहले ही जिलाध्यक्ष बनाया गया और दो दिन बाद ही उनसे पार्टी जिलाध्यक्ष का पद छीन लिया गया था. अगर बात आनंद कुरील की करें तो वो भी पहले पार्टी में जिलाध्यक्ष का पद संभाल चुके है.
पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप
बहुजन समाज पार्टी के वर्तमान जिलाध्यक्ष कुलदीप कुमार ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी पार्टी ने विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने के कारण दोनों पूर्व पदाधिकारियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इनको पार्टी विरोधी गतिविधियों व पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने के बारे में कई बार चेतावनी भी दी जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी इनकी गतिविधियों व कार्यशैली आदि में कोई सुधार नहीं आया है, जिसकी वजह से पार्टी व मूवमेन्ट हित में आज इनको पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर घमासान
बहुजन समाज पार्टी में सिर्फ जिला ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी घमासान मचा हुआ है. कभी मायावती के भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया जाता है और कभी उनको उत्तराधिकारी से हटा दिया जाता है. पार्टी के कई पुराने नेता भी एक एक करके पार्टी का दामन छोड़कर जा रहे है.