
जयपुर । राजस्थान में कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा असर हो रहा है। इस देखते हुए केंद्र सरकार ने मासूम बच्चों को बचाने का जिम्मा आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति को दिया गया है। इसके तहत अब जोधपुर में विशेष आयुष प्रोटोकॉल बनाया जायेगा। जोधपुर के डासर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अभिमन्यु कुमार की अध्यक्षता में 12 विशेषज्ञों का टास्क फोर्स बनाया गया है। यह टास्क फोर्स बच्चों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए आयुष प्रोटोकॉल बनाएगा। इसका ड्राफ्ट अलगे सप्ताह बनकर तैयार होगा। इसमें बच्चों में रोग के लक्षण, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय, बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर और देखभाल के तरीकों पर फोकस होगा।
तीसरी लहर से पहले ही कुछ स्थानों पर बच्चे कोरोना संक्रमित होने लगे हैं।
जयपुर स्थित बच्चों के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जेके लोन के चिकित्सकों के मुताबिक बाहर के अस्पतालों से रेफर होकर नवजात शिशु आजकल ज्यादा आ रहे हैं। इन्हें सांस की दिक्कत और पीलिया आदि की शिकायत ज्यादा है। इधर बच्चों में कोरोना के केस भी बढ़ रहे हैं। रोजाना तीन-चार केस ऐसे आ रहे हैं, जिनमें बच्चे कोरोना संक्रमित हैं। आरयूएचएस अस्पताल में कोरोना संक्रमित 12 बच्चे भर्ती हैं। डाक्टरों और विशेषज्ञों ने कहा कि शारीरिक रूप से कमजोर, कुपोषित और एनिमिया के शिकार बच्चों पर कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। शुरुआती संक्रमण में ब्लॉक स्तर पर कोविड केयर सेंटर पर ही बच्चों को संभाल लिया जाए तो बच्चे जल्द स्वस्थ हो सकते हैं।