इंदौर। जिले के लाखों लोगों के सामने रोजगार का गंभीर संकट पैदा हो गया है और उनके व उनके परिवारजनों के सामने भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। ऐसे जिले में किराना, ग्रोसरी तथा फल-सब्जी की बिक्री प्रतिबंधित हो गई है। यह आदेश बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक लागू कर दिया जाने से थोक व खेरची विक्रेताओं द्वारा पूर्व से खरीद कर रखे गए। सामाजिक कार्यकर्ता व  हाईकोर्ट एड्वोकेट चंचल गुप्ता ने प्रशासन को यह पत्र लिख कर मांग की है कि यदि तुरंत उक्त आदेश को वापस नहीं लिया गया तो मजबूरन हमें न्यायालय की शरण लेना होगी। एडव्होकेट गुप्ता ने बताया कि अचानक जारी इस आदेश से लाखों रुपए के फल व सब्जी नष्ट हो जाएंगे। ऐसे में हजारों गरीब फूटकर विक्रेता बेरोजगारी का शिकार हो जाएंगे। उनके द्वारा व्यापार में लगाई गई पूंजी नष्ट हो जाएगी। साथ ही जिले की मंडियों में करोड़ों रुपए के फल व सब्जी भी अचानक आए इस आदेश के कारण सड़ हो जाएंगे। जबकि बड़ी संख्या में कोरोना व अन्य बीमारियों के मरीज ताजे फल व सब्जियों का सेवन नहीं कर पाएंगे। इससे उनकी सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। वहीं किराना-ग्रोसरी दुकानें बंद करने का असर दैनिक कमाई से या यहां-वहां से व्यवस्था करके परिवार चलाने वालों पर पड़ेगा। इस आदेश से जिले की जनता में अत्यंत रोष है और व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है। इसलिए इस जनविरोधी आदेश को निरस्त करते हुए सब्जी/फल व किराना/ग्रोसरी की बिक्री फिर से शुरू की जाए। यदि इस दिशा में फिर से विचार कर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है तो मजबूरन हमें उच्च न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका दायर करना पड़ेगी।