गाजियाबाद । उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक बार फिर लिंग परीक्षण केंद्र का खुलासा हुआ है। इस बार लिंग परीक्षण गिरोह के लोग मोबाइल वैन में चोरी छुपे इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। पुलिस और प्रशासन की छापेमारी से बचने के लिए वह लगातार अपनी लोकेशन भी बदल रहे थे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भ्रूण लिंग परीक्षण के मामले थमते नजर नहीं आ रहे। बल्कि इस तरह के गोरखधंधे में शामिल लोगों ने पुलिस और प्रशासन की नजर से बचने के लिए अब नया तरीका अख्तियार किया है। ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद के ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के पास देखने को मिला है। यहां एक मोबाइल वैन में भ्रूण लिंग परीक्षण किया जा रहा था। इस मामले में पुलिस और प्रशासन की टीम ने एक महिला को अरेस्ट किया है। हालांकि उसका साथी टेस्टिंग वैन लेकर भागने में सफल हो गया। गाजियाबाद में पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग संजोग के मुताबिक उन्हें सोनीपत के एसीएमओ डॉ. सुमित कौशिक और एसएमओ डॉ. जितेंद्र की टीम ने इस गिरोह की सूचना दी थी। इसके बाद गाजियाबाद की टीम ने गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए फर्जी ग्राहक तैयार कर आरोपियों से संपर्क किया। तय हुआ कि 16 हजार रुपये में भ्रूण लिंग की जांच हो जाएगी। तय हुआ कि ग्राहक को संजय नगर में किसी स्थान पर बुलाकर जांच किया जाएगा। बोगस ग्राहक संजय नगर पहुंची तो अचानक गिरोह के लोगों ने जगह बदल दी और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे से सटे गांव मटियाला की पुलिया पर आने को कहा। इसके बाद बोगस ग्राहक मटियाला पहुंची। वहां आरोपियों ने उनसे पहले ही रुपये जमा करा लिए और अल्ट्रासाउंड के लिए गाड़ी में जाकर बैठने को कहा। इतने में पहले से घात लगाकर बैठी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अल्ट्रासाउंड की तैयारी कर रही महिला मीनाक्षी त्यागी उर्फ मीनू को दबोच लिया।
चलता फिरता लिंग परीक्षण केंद्र, छापेमारी से बचने के लिए कार में किया था जुगाड़
आपके विचार
पाठको की राय