लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राजस्थान भाजपा अब आगामी उपचुनावों की तैयारी में जुट गई है। सत्ता में आने के छह महीने के भीतर ही पार्टी ने चुनाव में 11 सीटें गंवा दी हैं। उपचुनावों से पहले भजनलाल सरकार को युवाओं की चेतावनी का सामना करना पड़ रहा है।
बेरोजगार युवाओं का कहना है कि सरकार अत्याचारी हो गई है और वे अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने नौकरी देने के बजाय उन्हें बेरोजगार कर दिया है। यह विरोध प्रदर्शन महिलाओं के लिए तृतीय श्रेणी शिक्षक पदों में 50% आरक्षण के खिलाफ है। इस कदम से लगातार असंतोष फैल रहा है।
युवाओं का तर्क है कि पुलिस भले ही उन्हें गिरफ्तार कर ले, लेकिन वे बेरोजगारी की मार नहीं झेल सकते। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अपना घर छोड़कर दूर-दराज के शहरों में दिन-रात पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें आरक्षण दे दिया है, जो उनके हिसाब से उनके लिए अनुचित है।
उनका कहना है कि शिक्षक बनने के लिए बीएसटीसी करने के बाद सरकार के इस फैसले ने उन्हें बेरोजगार कर दिया है। सभी कोटा लागू होने के बाद पुरुषों के लिए केवल 20% पद उपलब्ध होने के कारण, उनका तर्क है कि इससे बेरोजगारी कम होने के बजाय बढ़ेगी। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती है, तो उसे पांच सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनावों में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।