अस्ताना। कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक जारी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर के सामने भारत के खिलाफ जहर उगला है। उन्होंने भारत का नाम लिए बगैर कहा कि 'राज्य आतंकवाद' की आलोचना की जानी चाहिए। यही नहीं, उन्होंने संगठन के सदस्य देशों से अफगान तालिबान सरकार के साथ 'सार्थक बातचीत' का भी आह्वान किया। संसद सत्र के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। विदेश मंत्री जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हालांकि, प्रधानमत्री मोदी ने डिजिटली इस बैठक को संबोधित किया है। चीन, भारत, तुर्की, ईरान, अजरबैजान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान सहित कई देशों के नेता और राजनयिक आर्थिक व सुरक्षा सहयोग पर चर्चा करने के लिए अस्ताना में एकत्र हुए हैं। पाकिस्तान के एक प्रमुख समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आर्थिक विकास के लिए पहली शर्त क्षेत्र में शांति बनाए रखना है। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में स्थायी शांति हासिल करना इस साझा उद्देश्य की आधारशिला है। शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया कि अपनी आर्थिक और विकास जरूरतों को पूरा करने के लिए अफगान तालिबान सरकार को बातचीत में शामिल करें। उन्होंने यह भी कहा कि अफगान तालिबान को यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए कि उसकी सरजमीं का इस्तेमाल किसी अन्य देश के खिलाफ आतंकवाद के लिए न हो। खबर के मुताबिक, शरीफ ने आगे कहा कि आतंकवाद के सभी रूपों की साफ शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। इसमें 'राज्य आतंकवाद' भी शामिल है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए निर्दोष लोगों की हत्या या आतंकवाद का हौवा खड़ा करने का कोई औचित्य नहीं है।
शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाक ने भारत के खिलाफ जहर उगला
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