विवादों से अक्सर चर्चाओं में रहने वाली पूर्व मंत्री इमरती देवी एक बार फिर विवादित बयान को लेकर चर्चा में हैं। इमरती ने प्रदेश में लागू किए गए नए कानून को लेकर सवाल उठा दिए हैं। उनका मानना है कि न्याय पहले भी गरीब और कमजोर लोगों से दूर था, नए कानून आने से भी स्थिति में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। प्रदेश में एक जुलाई से लागू किए गए नए कानून को लेकर प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पूर्व मंत्री इमरती देवी भी ऐसे ही एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची थीं। जहां उन्होंने एक विवादित बयान देकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। नए कानून के जागरूकता कार्यक्रम में इमरती देवी ने पुलिस अधिकारियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पुलिस कहती है कि मामले में तहकीकात करेंगे, थाने में मामले की तहकीकात नहीं होती है। उन्होंने कहा कि गरीबों की न थाने में और न अस्पताल में सुनवाई होती है। इमरती देवी यह कहने से भी नहीं चूंकीं कि गरीब की सुनवाई तभी हो पाती है, जब हम जैसे लोग जाकर उनके साथ खड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि कानून कितने भी बन जाएं, जरूरत उनके सख्ती से पालन की है। तभी उनकी सार्थकता होगी। पूर्व मंत्री इमरती देवी पिछले दिनों हुए एक घटनाक्रम को लेकर पुलिस कार्यप्रणाली से नाराज हैं। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी द्वारा उन्हें लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर इमरती ने शिकायत दर्ज कराई थी। लंबी प्रक्रिया के बाद पटवारी के खिलाफ एफआईआर तो हो गई, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इमरती देवी इसको लेकर लगातार बयानबाजी और मांग करती रही हैं।
इमरती ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल
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