नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि इस लोकसभा चुनाव में सकारात्मक राजनीति की जीत हुई और गत चार जून को सांप्रदायिक राजनीति से देश को आजादी मिली तथा ‘सामुदायिक राजनीति' की शुरुआत हुई। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि इस चुनाव ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' को भी जिम्मेदारी का पैगाम दिया है। यादव ने कहा कि 4 जून (लोकसभा चुनावों के परिणाम वाला दिन) देश के लिए सांप्रदायिक राजनीतिक से आजादी का दिन था। सांप्रदायिक राजनीति का अंत हुआ और सामुदायिक राजनीति की शुरुआत हुई। इस चुनाव में सांप्रदायिक राजनीति की हमेशा के लिए हार हो गई। उन्होंने कहा कि सकारात्मक राजनीति की जीत हुई है। हम मानते हैं कि संविधान ही संजीवनी है और उसकी जीत हुई है। सपा सांसद ने कहा कि देश किसी की निजी महात्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जन आकांक्षा से चलेगा, और अब मनमर्जी नहीं, बल्कि ‘जनमर्जी' चलेगी। यादव ने आरोप लगाया कि इस सरकार ने आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि देश पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, लेकिन यह क्यों छिपाती है कि अगर हम पांचवे स्थान पर हैं तो हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय किस स्थान पर पहुंची है ? उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है तो 35 प्रतिशत विकास दर चाहिए, जो संभव नहीं दिखाई देता है। बताया जा रहा है कि यादव ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों का आग्रह है कि कम से कम गंगाजल को लेकर तो झूठ नहीं बोला जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के नाम खरबों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने सवाल किया कि क्या विकास का ढिंढोरा पीटने वाले इस विनाश की जिम्मेदारी लेंगे? यादव ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश में जो सड़क बनाई थी, उस पर हवाई जहाज उतरे थे, लेकिन अब प्रदेश के मुख्य शहरों की सड़कों पर नाव चल रही हैं।
संसद में बोले अखिलेश यादव- 'जोड़ने वाली राजनीति की जीत हुई
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