राजस्थान लोक सेवा आयोग की हिंदी लेक्चरर भर्ती- 2022 में फर्जी मार्कशीट के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए एसओजी ने प्राइवेट टीचर और बजरी व्यापारी को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में दोनों आरोपियों द्वारा फर्जी डिग्री का वेरिफिकेशन बनवाना सामने आया है। हालांकि एसओजी ने सोमवार को दोनों को कोर्ट में पेश कर 4 दिन के रिमांड पर लिया है, जिनसे एसओजी पूछताछ में जुटी है। इस मामले में पूछताछ में और अन्य गिरफ्तारी होने की भी संभावना है। गौरतलब है कि इस मामले में एसओजी सात आरोपियों को पूर्व में पकड़ चुकी है।
एसओजी के एडिशनल एसपी मुकेश सोनी ने बताया कि जोधपुर निवासी सोमेश गोदारा (30) और पाली निवासी सुनील बिश्नोई (35) को गिरफ्तार कर सोमवार को कोर्ट में पेश कर चार दिन के रिमांड पर लिया है। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों आरोपियों से फर्जी डिग्री वेरीफिकेशन बनवाना सामने आया है हालांकि दोनों से मामले में पूछताछ जारी है।
उन्होंने बताया कि सुशील बिश्नोई बजरी का काम करता है। वहीं दूसरा आरोपी सोमेश जोधपुर के प्राइवेट स्कूल में टीचर है। दोनों से पूछताछ के बाद मामले में अन्य गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। एसओजी की जांच में सामने आया कि पूर्व में गिरफ्तार डॉ. सुरेश बिश्नोई आरोपी ब्रह्मकुमारी व कमला कुमारी के लिए सत्यापन पत्र बनवाने के लिए बजरी व्यापारी सुनील बिश्नोई से कांटेक्ट में था और व्हाट्सएप के जरिए ही ब्रह्मकुमारी व कमला कुमारी के उक्त सत्यापन पत्र सहित अन्य दस्तावेज के बारे में व्हाट्सएप पर चैट की गई थी।
आरोपी ब्रह्माकुमारी को जिस दिन व्यक्तिगत रूप से आयोग ने बुलाया था, उस दिन भी दोनों के बीच में फर्जी सत्यापन पत्र तैयार करवाने को लेकर व्हाट्सएप पर चैट हुई थी। एसओजी को आरोपी डॉ. सुरेश बिश्नोई के मोबाइल से यह चैट मिली है। वहीं प्राइवेट टीचर सोमेश गोदारा भी पूर्व में गिरफ्तार डॉ. सुरेश बिश्नोई के ही कॉन्टेक्ट में था।