उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को विस्तार देने और इसके मॉर्डनाइजेशन के लिए सरकार 43 हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने की तैयारी में है। इसके अंतर्गत मीटर से लेकर फीडर तक को अत्याधुनिक स्वरूप देने की कवायद की जाएगी। मुख्यमंत्री ने हाल ही में बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस संबंध में एक विस्तृत प्रेजेंटेशन का अवलोकन भी किया है। इसमें राज्य के सभी 5 डिस्कॉम के लिए अलग-अलग फंड आवंटन का प्रस्ताव है। सरकार सर्वाधिक 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक का खर्च दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड पर करेगी। वहीं, इसके अलावा वाराणसी जिले के लिए अलग से 1309 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं शुरू हो चुकी हैं।
किस डिस्कॉम के लिए कितनी धनराशि का प्रस्ताव
प्रदेश के सभी पांच डिस्काम की बात करें तो पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के लिए 8759.87 करोड़ रुपए से कायाकल्प की तैयारी है, इसके लिए यूपी डिस्कॉम की ओर से आरईसी में डीपीआर भी सबमिट किया जा चुका है। वहीं मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के लिए 10146 करोड़ रुपए, दक्षिणांचल के लिए 12300 करोड़ रुपए, पश्चिमांचल के लिए 10563 करोड़ रुपए और केस्को के लिए 1198 करोड़ रुपये सहित कुल 42968.55 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है। यही नहीं इसके अलावा 29619 करोड़ रुपए से स्मार्ट मीटर के कार्य को भी तेजी से पूरा करने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दे चुके हैं। साथ ही पूर्वांचल, मध्यांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के अंतर्गत ढाई लाख से अधिक घरों के विद्युतिकरण के लिए 917 करोड़ रुपए खर्च किये जा रहे हैं।
वाराणसी, नोएडा, अयोध्या और कानपुर पर विशेष नजर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बिजली व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए 1309 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किये जा रहे हैं। इसके अंतर्गत स्मार्ट डिस्ट्रिब्यूशन प्रॉसेस पर 307.70 करोड़ रुपए, इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के अंडरग्राउंडिंग प्रक्रिया पर 513.58 करोड़ रुपए और मॉर्डनाइजेशन एवं विस्तारीकरण के लिए 488.10 करोड़ रुपए खर्च किये जा रहे हैं।
इसके अलावा नोएडा के लिए 1535 करोड़ रुपए, अयोध्या के लिए 1200 करोड़ रुपए और कानपुर के लिए 823 करोड़ रुपए से बिजली व्यवस्था के आधुनिकीकरण की तैयारी है। योगी सरकार प्रदेश के 33/11 केवी के सबस्टेशनों में मौजूद 10 एमवीए के ट्रांसफॉर्मर को भी अपग्रेड करके 20 एमवीए का करने की तैयारी में है।