कनाडा सरकार द्वारा गत दिनों वर्क परमिट और वीजा संबंधी नियमों में बदलाव के बाद भारतीय छात्रों की अब कनाडा जाने में ज्यादा रुचि नहीं रही है। इसकी बड़ी वजह कनाडा की ट्रूडो सरकार की ओर से हालिया समय में लगाए गए प्रतिबंध हैं। कनाडाई सरकार ने नियम बनाया है कि पोस्ट-ग्रेजुएशन करने वाले छात्र अब देश में पोस्ट-ग्रेजुएट वर्क परमिट के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। कनाडा के विदेशी छात्रों में भारतीयों की बड़ी संख्या हैं। भारतीयों में भी पंजाबी छात्रों के लिए कनाडा पसंदीदा देश रहा है लेकिन उनका रूढान ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया और अन्य देशों की तरफ बढ़ रहा है। यही नहीं कनाडा के स्टडी वीजा आवेदनों से जुड़े होर्डिंग और बिलबोर्ड भी पंजाब के शहरों से गायब हो रहे हैं। दरअसल कनाडा में रोजगार के अवसर घटने कारण भारतीय छात्रों को वहा नौकरी ढूंढ़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इमिग्रेशन एजेंट कनाडा के प्रति घटते आकर्षण की वजह कनाडा सरकार द्वारा वर्क परमिट पर लगाए गए प्रतिबंधों को देते हैं। चंडीगढ़ में रहने वाले गुरतेज संधू लंबे समय से इमिग्रेशन के सपने देख रहे हैं। उनका कहना है कि हालिया समय में नाटकीय बदलाव दिख रहे हैं। कनाडाई अध्ययन वीजा आवेदनों की संख्या घटकर आधी हो गई है। इसमें और भी गिरावट आना तय है क्योंकि अब पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को वर्क परमिट से भी वंचित किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा की जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने पोस्ट-ग्रेजुएट वर्क परमिट (पीजीडब्ल्यूपी) पर हाल ही में जो फैसला लिया है, उसने अंतरराष्ट्रीय छात्रों, विशेषकर भारतीयों को निराश किया है। नए नियमों में पोस्ट-ग्रेजुएशन करने वाले छात्र अब कनाडा में प्रवेश करते समय एयरपोर्ट या समुद्री सीमा पर पीजीडब्ल्यूपी के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। गुरतेज संधू ने कहा कि पहले कनाडा में प्रवेश करने वाले लोगों को अपने विजिटर वीजा को वर्क परमिट में बदल दिया जाता था। यह सुविधा विभिन्न कारणों से वापस नहीं ली गई है। इस साल जनवरी में, कनाडाई सरकार ने गारंटीड इन्वेस्टमेंट सर्टिफिकेट (जीआईसी) शुल्क को भी बढ़ाकर दो गुना कर दिया गया है। दूसरी ओर ग्रेजुएट छात्रों को वर्क परमिट से भी वंचित कर दिया गया। ये भारतीय छात्रों को पसंद नहीं आ रहा है। कनाडा सरकार के प्रवक्ता ने हालांकि स्पष्ट किया है कि वर्क परमिट अभी भी एक विशेष श्रेणी के छात्रों के लिए उपलब्ध होंगे लेकिन इमिग्रेशन एजेंटों का कहना है कि कनाडा सरकार का फैसला न सिर्फ पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों बल्कि आम विजिटर को भी प्रभावित करेगा, जो पहले अपने विजिटर वीजा को आसानी से वर्क परमिट में बदलवा लेते थे। इस सबके परिणामस्वरूप कनाडा में भारतीय छात्रों की संख्या में नाटकीय रूप से कमी आई है। आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) के आंकड़ों में कहा गया है कि इस साल जनवरी और फरवरी में कनाडाई सरकार द्वारा भारतीय छात्रों को लगभग 45,000 अध्ययन परमिट दिए गए थे। मार्च 2024 में यह संख्या घटकर 4,210 रह गई।
भारतीय छात्रों की कनाडा जाने में नहीं रहीं दिलचस्पी, विशेषज्ञों ने ट्रूडो को बताया जिम्मेदार
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