यरुशलम इजराइल और फिलस्तीन के बीच संघर्ष जारी है। वही, इस मसले पर चीन खुले तौर पर फिलस्तीन के समर्थन में आ गया है। चीन की मीडिया भी लगातार फिलस्तीन के पक्ष में बोल रहा है। इसी को लेकर अब इजराइली दूतावास ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए कड़ा विरोध जताया।
इजराइली दूतावास ने अपने पोस्ट में कहा है, 'हम उम्मीद करते हैं कि यहूदियों का दुनिया पर नियंत्रण वाला सिद्धांत अब पुराना हो चुका होगा। जाहिर है कि ये सिद्धांत एक साजिश के तौर पर लाया गया। दुर्भाग्य से यहूदी विरोधी चेहरा फिर से सामने आया है। सरकार नियंत्रित चीन की मीडिया का खुलेआम यहूदी विरोधी कवरेज परेशान करने वाली है।'
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मंगलवार को चीन के मीडिया चैनल CGTN पर होस्ट चेंग चुनफेंग ने इजराइल को मिल रहे अमेरिका के समर्थऩ का विरोध जताया था। इस पर इजराइल ने अपनी आपत्ति जताई। इसके बाद न्यूज एजेंसी AFP ने भी चीन के विदेश मंत्रालय से सवाल पूछा। इस पर वहां के प्रवक्ता ने जानकारी नहीं होने की बात कही। हालांकि उन्होंने कहा कि फिलस्तीन और इजराइल के बीच संघर्ष पर चीन अपना स्पष्ट रुख रखता है। इससे पहले चीन UN में इजराइल की तरफ से फिलस्तीन पर किए जा रहे हमले के खिलाफ निंदा प्रस्ताव ला चुका है। लेकिन अमेरिका ने इसे वीटो के जरिए रोक दिया था।
अगर दोनों देशों के रिश्तों की बात करें तो चीन और इजराइल एक दूसरे करीबी रहे हैं। दोनों देशों में 1992 से राजनयिक संबंध हैं। इसके अलावा दोनों के बीच आर्थिक, तकनीकी और सैन्य संबंध भी हैं।
चीन बोला- दोनों देशों टकराव के बीच अमेरिका जो कर रहा वो निराशाजनक
इधर, चीन ने दोनों देशों के टकराव के बीच अमेरिका की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया कि इजराइल और फिलस्तीन के बीच टकराव में अमेरिका की भूमिका निराशाजनक है। चीन की विदेश मंत्रालय ने सवाल करते हुए कहा कि क्या यही मानवाधिकार है? क्या यही सीख अमेरिका पूरी दुनिया को देता है? जब फिलस्तीन के लोग पीड़ित हैं, तो अमेरिका की सीख कहां चली गई? चीन के मंत्रालय ने इजराइल और फिलस्तीन से पूर्ण युद्धविराम की अपील की है।
चीन समेत कई देश फिलस्तीन को अलग देश बनाने की मांग कर चुके हैं
इधर, सऊदी अरब, तुर्की, पाकिस्तान, चीन समेत कई देशों ने फिलस्तीन को अलग देश बनाने की मांग की है। इन सभी देशों का कहना है कि स्थायी समाधान के लिए फिलस्तीन एक स्वतंत्र मुल्क बने। इसकी राजधानी यरुशलम हो।
अमेरिका दे चुका जंग रोकने की नसीहत
इससे पहले इजराइल के पक्ष में वीटो कर चुके अमेरिका ने बुधवार को इजराइल को यह जंग रोकने की नसीहत दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने नेतन्याहू से कहा कि वे सीजफायर यानी संघर्ष विराम के लिए जल्द और पुख्ता कदम उठाएं।
सोमवार को एक इंटरव्यू में नेतन्याहू ने साफ कर दिया था कि उनका देश फिलीस्तीन और हमास (इजराइल इसे आतंकी संगठन बताता है) पर हमले बंद नहीं करेगा। नेतन्याहू ने कहा था- अब यह हमले तभी बंद होंगे जब हम हमास को शांत नहीं कर देते क्योंकि इसके बिना अमन बहाली नामुमकिन है।