
नई दिल्ली| देश में कोरोना संक्रमण में कमी का रुझान जारी है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण में कमी आने के बावजूद मौतों का ऊंचा आंकड़ा अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है। मौतों में कमी पीक निकल जाने के 15 दिनों के बाद ही संभव होगी। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर जुगल किशोर ने कहा कि संक्रमण के पीक पर पहुंचने का असर मौतों पर कम से कम अगले 15 दिनों तक दिख सकता है। क्योंकि कोई व्यक्ति संक्रमित होता है तो उसे ठीक होने में कम से कम 15 दिन लगते हैं। वह स्वस्थ हो सकता है या उसकी मृत्यु हो सकती है।
उन्होंने आगे कहा कि देश में सात मई को कोरोना के सर्वाधिक मामले 4.14 सामने आए थे और यह दूसरी लहर की पीक थी। पीक निकल चुकी है और इस हिसाब से इसके 15 दिनों बाद तक मौत का उच्च आंकड़ा बना रहेगा। उसके बाद स्थिति बदलेगी।
संक्रमण में कमी के अनुरूप नहीं घटीं मौतें :
अगर 7 मई के बाद की स्थिति को देखें तो मौतों का ऊंचा आंकड़ा बना हुआ है। इसमें कभी थोड़ी कमी और कभी बढ़ोतरी दिख रही है। लेकिन संक्रमण में कमी के हिसाब से इसमें गिरावट नहीं आई है। अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति दिख सकती है, लेकिन उसके बाद मौतें घटनी शुरू हो जाएंगी। विशेषज्ञों की मानें तो अगले सप्ताह से इन आंकड़ों में वास्तविक कमी शुरू हो जाएगी क्योंकि 22-23 मई के बीच पीक के बाद की 15 दिनों की अवधि पार कर जाएगी। इसके बाद मौतों का आंकड़ा घटना शुरू हो जाएगा।
सक्रिय मामले घटने से भी घटेंगी मौतें:
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में मौतों में कमी संख्या घटने की वजह से भी आएगी। दूसरे, सक्रिय रोगियों की संख्या में लगातार कमी होने से भी यह आंकड़ा घटेगा। सक्रिय मरीज जितने कम होंगे, उतना ही उन्हें अस्पतालों में बेहतर उपचार मिल सकेगा जिसके चलते भी मौतें न्यूनतम होंगी। बता दें कि बुधवार को फिर से मौतों का रिकॉर्ड टूट गया। पिछले चौबीस घंटों के दौरान 4529 मौतें दर्ज की गईं, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है। इस अवधि में सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर 32.26 लाख रह गई, जो 7 मई को 37.23 लाख थी। 10 दिनों में पांच लाख मामले कम हुए हैं।