नई दिल्ली । रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चक्रवात तौकते से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा नागरिक प्रशासनिक अधिकारियों को उपलब्ध कराई जा रही सहायता और तैयारियों की समीक्षा बैठक 17 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की। इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया और थल सेनाध्यक्ष जनरल एम.एम. नरवणे तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष भी इस बैठक में उपस्थित हुए।
रक्षामंत्री को बताया गया कि, भारतीय नौसेना के 11 गोताखोर दल तैयार रखे गए हैं ताकि प्रभावित राज्यों से अनुरोध प्राप्त होने की स्थिति में इनकी सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। त्वरित कार्रवाई और सहायता कार्यों के लिए बारह बाढ़ राहत दलों और चिकित्सा दलों को तैनात किया है। चक्रवात के बाद जरूरत पड़ने पर तत्काल ढांचागत मरम्मत करने के लिए मरम्मत एवं बचाव दल भी लगाए गए हैं। तलवार, तरकश और टाबर नाम के तीन पोतों को प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार तत्काल सहायता और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
कुछ अन्य पोत भी पश्चिमी समुद्र तट पर खराब मौसम के कारण फंसी मछली पकड़ने वाली नौकाओं/छोटी नौकाओं की मदद के लिए तैयार हैं। नौसेना के समुद्री टोही विमान लगातार मछुआरों को चक्रवात की जानकारी और चेतावनी दे रहे हैं। राजनाथ सिंह को बताया कि कर्नाटक तट पर फंसे भारतीय टग बोट कोरोमंडल सपोर्टर-XI के चालक दल को बचाने के लिए नौसेना को लगाया गया। गोवा में नौसेना के एयर स्टेशन से एक और हेलिकॉप्टर को चालक दल के लापता सदस्यों की तलाश में सहायता के लिए तैनात किया है।
रक्षामंत्री राजनाथ ने चक्रवात तौकते से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सशस्त्र बलों के प्रयासों की समीक्षा की
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