भाजपा नेता पेमा खांडू ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में गृहमंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी शामिल हुए। एक दिन पहले ही खांडू को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया था। केंद्रीय प्रर्यवेक्षक भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद और तरुण चुघ बुधवार को ईटानगर पहुंचे थे। इस दौरान, उन्होंने भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई और विधायक दल का नेता चुना। शाम को खांडू चुघ और कई विधायकों के साथ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) केटी परनायक से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे। उन्होंने इस दौरान सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल ने खांडू और उनके मंत्रियों को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया। चुघ ने राजभवन में मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बियुराम वाघ ने मुख्यमंत्री के रूप में खांडू के नाम का प्रस्ताव रखा था। पार्टी के सभी 46 विधायकों ने इसका समर्थन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा की सराहना करते हुए, खांडू ने भाजपा में विश्वास जताने और उसे लगातार तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए राज्य के लोगों को धन्यवाद दिया। 

मोनपा जनजाति से ताल्लुक रखते हैं पेमा खांडू


पेमा खांडू का जन्म 21 अगस्त, 1979 को तवांग में हुआ था। चीन की सीमा से सटे तवांग जिले के ग्यांगखर गांव से ताल्लुक रखने वाले पेमा खांडू मोनपा जनजाति से आते हैं। उन्होंने तवांग के बोम्बा में सरकारी माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वर्ष 2000 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक की उपाधि हासिल की। उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा।  

ऐसे हुई राजनीतिक सफर की शुरुआत


यूं तो पेमा खांडू को राजनीति विरासत में ही मिली है। उनके पिता दोरजी खांडू अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2005 में पेमा खांडू राजनीति में कदम रख दिया था, जब उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। लेकिन, उनके असल राजनीतिक सफर की शुरुआत तब हुई, जब उनके पिता दोरजी खांडू का हेलिकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। दोरजी खांडू 2007 से 2011 तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। इसके बाद पेमा खांडू ने वर्ष 2011 में अपने ही पिता के विधानसभा क्षेत्र मुक्तो से चुनाव लड़ा और विजयी हुए। इसके बाद पेमा खांडू को अरुणाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। वर्ष 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी के नेतृत्व वाली सरकार में पेमा खांडू को शहरी विकास मंत्री नियुक्त किया गया। इसके बाद उनके राजनीतिक जीवन में बड़ा मोड़ आया। 

भारत के सबसे युवा मुख्यमंत्री रहे हैं पेमा खांडू


पेमा खांडू भारत के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने 37 साल की आयु में मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। खांडू के पहले अखिलेश यादव ही भारत के सबसे कम आयु वाले मुख्यमंत्री थे। अखिलेश ने 38 वर्ष की उम्र में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली थी।  

फुटबॉल, क्रिकेट जैसे खेलों के शौकीन

पेमा खांडू खेलों के शौकीन हैं। फुटबॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन और वॉलीबॉल जैसे खेलों में उनकी बड़ी  दिलचस्पी है। उन्होंने राजनीति में आने के बाद उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए खूब प्रयास किए।