इन्दौर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की एमबीए प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के 24 मई को हुए पेपर लीक मामले में विश्वविद्यालय में पुलिस थाना छोटी ग्वालटोली में एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले मे पुलिस ने तहकीकात करते निजी कॉलेज आइडलिक इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट के एक कर्मचारियों और दो छात्रों सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अपनी तहकीकात में यह भी पाया कि पेपर आइडलिक इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल के कक्ष से ही आइडलिक इंस्टीट्यूट के आपरेटिंग द्वारा लिक किए गए। उक्त निजी कॉलेज आइडलिक इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए अक्षय बम का है। शहर कांग्रेस कमेटी यादव इस पूरे मामले की जांच की मांग को लेकर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति को मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन 10 जून को दोपहर 3:00 बजे सौंपने के साथ पूरे मामले में अक्षय बम की भूमिका क्या है इसकी भी जांच होना चाहिए की मांग करेगी। वहीं पूरे मामले की जांच सीबीआई स्तर पर कराने की भी मांग करेंगी। शहर कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह यादव का कहना है कि पेपर लीक मामले में अक्षय बम के कॉलेज की मान्यता रद्द की जाए, इस मामले में अक्षय बम का कॉलेज सरगना के रूप में उभरा है। अक्षय बम के दूसरे कॉलेजों की भी जांच होना चाहिए जिनमें कई अनियमिताएं हैं। यादव ने कहा कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय पर ज्ञापन देने के बाद 3:30 बजे छोटी ग्वालटोली थाना प्रभारी को पुलिस कमिश्नर के नाम में ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें मांग की जाएगी कि कॉलेज में जो पेपर लीक कांड हुआ है, कॉलेज संचालक अक्षय बम एवं प्राचार्य की भूमिका क्या है इसकी जांच हेतु उन्हें थाने पर बुलाया जाए और अगर कोई भूमिका है तो तुरंत गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज किया जाए।
पेपर लीक कांड, अक्षय बम की भूमिका की जांच कर उसे गिरफ्तार करते उसके कालेज की मान्यता रद्द की जाएं - कांग्रेस
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