वाराणसी। वाराणसी से भाजपा के प्रत्याशी एवं पीएम मोदी के खिलाफ इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी अजय राय के मुकाबले को कांटे का बनाने में इस बार संसदीय सीट के पांचों विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं ने भागीदारी निभाई। शहर दक्षिणी के मतदाताओं ने अलग ही इतिहास लिखा। पांच विधानसभा क्षेत्रों में सिर्फ शहर दक्षिणी ही ऐसा, जहां पीएम मोदी एक लाख वोट का आंकड़ा पार नहीं कर पाए। जिस रोहनिया और सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र को भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता रहा, वही पाला बदलकर इंडिया गठबंधन के साथ खड़े नजर आए। अजय राय को मिले कुल वोटों का 40.74 प्रतिशत 72 साल के इतिहास में कांग्रेस का सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत है।वाराणसी लोकसभा सीट के चुनावी नतीजे ने बहुत कुछ साफ कर दिया है। नतीजे खुद बोल रहे हैं कि भाजपा ने जिन बिरादरी पर भरोसा कर गले लगाया था, उन्होंने बाजी पलटने में भूमिका निभाई। ऐसे में चुनाव परिणाम प्रभावित होने से भाजपा प्रत्याशी पीएम नरेंद्र मोदी की जीत का अंतर तीन लाख से ज्यादा मतों से कम होना आश्चर्य की बात नहीं है।
पिछले दस साल से बनारस के सांसद पीएम मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम को लें या गंगा घाटों को नया रूप देने के साथ नया नमो घाट बनवाने या फिर पक्का महाल (पुराना शहर) के मोहल्लों को स्मार्ट बनाने सहित अन्य काम हो, सबकुछ शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र के खाते में है। बावजूद इसके चुनाव परिणाम के आंकड़ें बताते हैं कि शहर दक्षिणी के मतदाताओं ने पीएम मोदी को एक लाख से कम यानी 97,878 वोट ही दिए। वहीं, इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार अजय राय को इस विधानसभा में 81 हजार से ज्यादा मत मिले। पोस्टल बैलेट में भी अजय राय पीएम मोदी से कुछ ही वोट पीछे रहे। पीएम मोदी को 1531 तो अजय राय को 1373 वोट मिले।
बनारस संसदीय सीट के सेवापुरी और रोहनिया विधानसभा में भूमिहार और पटेल मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। इन दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में पिछले चुनाव में मिले भारी मतों ने पीएम मोदी की जीत की मार्जिन बढ़ाई थी। भाजपा ने भूमिहार मतदाताओं को साधने के लिए चुनाव से ठीक पहले धर्मेंद्र राय को एमएलसी बनाया तो पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह को वाराणसी लोकसभा सीट के चुनाव संचालक की महती जिम्मेदारी दी। भाजपा के प्रभारी अश्वनी त्यागी भी इसी बिरादरी के हैं। यही नहीं प्रचार में भूमिहार नेताओं को ज्यादा तरजीह दी गई। भूमिहार नेता तपती दोपहरी में भी लगातार दो महीने तक सेवापुरी व रोहनिया के एक-एक भूमिहार मतदाता के घर पहुंचे। अपना दल (एस) के नेता पटेल मतदाताओं को साधते रहे। इससे लगा था कि ये दोनों इलाके पीएम मोदी का बेस बनेंगे, लेकिन ईवीएम खुली तो परिणाम आश्चर्यचकित करने वाला रहा। मतों के आंकड़ों से साफ है कि स्वजातीय बंधुओं के साथ ही पटेल बिरादरी भी अजय राय का साथ देने में पीछे नहीं रही।
प्रत्याशी नरेंद्र मोदी अजय राय
शहर दक्षिणी 97878 81732
शहर उत्तरी 131241 101731
वाराणसी कैंट 145922 87645
रोहनिया 127508 101225
सेवापुरी 108890 86751
मोदी की जीत में कैंट का बड़ा योगदान
पीएम मोदी के बनारस सीट से तीसरी बार डेढ़ लाख मतों के अंतर से जीतने में सबसे बड़ा योगदान कैंट विधानसभा के मतदाताओं का है। पांच विधानसभा क्षेत्रों में पीएम मोदी को सर्वाधिक करीब डेढ़ लाख के आसपास मत कैंट में ही मिले। दूसरे नंबर पर शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र है। यहां भी पीएम मोदी को वोट बरसे। पीएम मोदी के जीत के मतों का अंतर कम करने में शहर दक्षिणी के मुस्लिम मतदाताओं की प्रमुख भूमिका रही है, जो एकतरफा अजय राय के साथ रहे। बसपा के मुस्लिम प्रत्याशी अतहर जमाल लारी की ओर मुस्लिम मतदाताओं का झुकाव नहीं दिखा।