राजकोट। 25 मई की शाम राजकोट के गेमिंग जोन में लगी भीषण आग ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। घटनास्थल से 28 शव बरामद किए गए हैं वहीं 33 से अधिक लोग लापता हैं। पीड़ित परिवार सदस्य अस्पताल के बाहर खड़े होकर अपनों की राह देख रहे हैं। उन्हें आस है कि उनके अपने जिंदा होंगे।ऐसे ही एक पीड़ित प्रदीप सिंह चौहान राजकोट सिविल अस्पताल के बाहर अपने लापता रिश्तेदारों राह देख रहे थे। प्रदीप सिंह चौहान का कहना है कि गेमिंग जोन में लगी भीषण आग में उनके परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई है।मरने वालों में प्रदीप का 15 साल का बेटा, उनके बहनोई और उनकी बहन का परिवार शामिल है। प्रदीप ने कहा, "मेरे परिवार के दो बच्चे गेमिंग जोन की दूसरी मंजिल पर थे, लेकिन वे वहां से बाहर नहीं आ सके।"बता दें कि इस दर्दनाक हादसे में मरने वालों की संख्या 28 पहुंच गई है। गंभीर रूप से जले हुए शवों की पहचान नहीं हो पा रही है, इसलिए डीएनए टेस्ट की जरूरत होगी। डीएनए टेस्ट करने में प्रसाशन को समय लगेगा। वहीं, अधिकारियों ने लापता हुए लोगों की एक लिस्ट तैयार की है।
गुजरात : राजकोट हादसे में एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत
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