गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ्तार किए गए चार श्रीलंकाई नागरिकों पर आईएसआईएस से जुड़े होने का आरोप है। इस पर श्रीलंका सरकार का कहना है कि भारत उन संदिग्धों से निपटेगा। उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि क्या वे हमारे देश में भी किसी आंतकी कृत्यों में शामिल थे। बता दें, 19 मई को गुजरात एटीएस ने सरदार वल्लभभाई पटेल हवाईअड्डे से आरोपियों को पकड़ा था। वे पाकिस्तान स्थित हैंडलर के निर्देशों पर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के मिशन पर थे।
श्रीलंकाई न्याय मंत्री ने की प्रेस वार्ता
श्रीलंका के न्याय मंत्री विजयदास राजपक्षे ने सोमवार को एक प्रेस वर्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत उनसे अपने कानून के अनुसार निपटेगा। हम इसकी जांच करेंगे कि क्या श्रीलंका में रहते हुए वे किसी आंतंकी गतिविधि में शामिल थे। हम इसकी भी जांच करेंगे कि क्या उन्होंने हमारे देश में किसी समूह की मदद की।
पुलिस ने कहा- सफल जांच की जा रही है
वहीं, श्रीलंकाई पुलिस प्रमुख देशबंधु टेनाक्लून ने कहा कि जनता को देश में किसी भी संभावित हमले से डरने की ज़रूरत नहीं है। हमने हमेशा जनता को आतंकी गतिविधियों के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना हर किसी की जिम्मेदारी है। जनता अगर पुलिस के निर्देशों का निष्ठापूर्वक पालन करें तो डरने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं मामले में दैनिक प्रगति पर नजर रख रहा हूं। एक सफल जांच की जा रही है।
आरोपियों की पहचान हो गई है। इनके नाम ऐसे हैं:-
आरोपी मोहम्मद नुसरत (35)
मोहम्मद फारुख (35)
मोहम्मद नफरान (27)
मोहम्मद रासदीन (43)
जांच दल की मानें तो आरोपियों ने कुबूल किया कि वे पहले प्रतिबंधित कट्टरपंथी आतंकवादी संगठन, नेशनल तौहीद जमात (एनजेटी) से जुड़े थे। बाद में वे पाकिस्तानी हैंडलर अबू बक्र अल बगदादी के संपर्क में आए और आईएस में शामिल हो गए। गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लोगों को श्रीलंकाई मुद्रा में 4 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।