मप्र हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आर्डर में एमपीपीएससी प्री 2023 के दो सवालों को गलत माना गया था। इसमें एक सवाल डिलीट कर सभी को दो अंक देने और एक के जवाब को सुधार करके उसके अंक देने के आदेश दिए गए थे। अब मप्र हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आर्डर पर शुक्रवार को स्टे हो गया। सिंगल बेंच का आर्डर बुधवार को जारी हुआ था। पीएससी ने गुरुवार (23 मई) को अवकाश के दिन रिट अपील दायर की, शुक्रवार को मेंशन लिया और दो मिनट की सुनवाई के बाद ही सिंगल बेंच के आर्डर पर स्टे हो गया। सुनवाई चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्र की डबल बेंच में हुई।
अंशुल तिवारी इस केस में उम्मीदवारों के अधिवक्ता हैं। उन्होंने इस मामले में कोर्ट से समय मांगा क्योंकि याचिका तेजी से लगी। उन्होंने कहा कि सोमवार तक का समय दें। इस पर चीफ जस्टिस ने समय देने से इनकार कर दिया। उन्होंने सिंगल बेंच के आर्डर पर स्टे कर दिया। आने वाले दिनों में अब इस मामले में सुनवाई होगी और फिर फैसला होगा।
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आर्डर में प्री 2023 के दो सवालों को गलत माना था, इसमें एक सवाल डिलीट कर सभी को दो अंक देने और एक के जवाब को सुधार कर उसके अंक देने के आदेश दिए थे। साथ ही कहा था कि राज्य वन सेवा परीक्षा 2023 का प्री का रिजल्ट फिर जारी कर मेन्स ली जाए, लेकिन अब इन सभी बातों पर स्टे हो गया है। यदि स्टे लंबा चला तो फिर ऐसे में पीएससी 30 जून को राज्य वन सेवा मेन्स कराने के लिए भी स्वतंत्र रहेगा और यह परीक्षा तय समय पर होगी।