भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद राज्य की राजनीति में रिक्त हुए स्थान को भर रही है। जयललिता का हिंदुत्व के प्रति बेहतर रुझान था।पीटीआइ संपादकों के साथ बातचीत में आइपीएस अधिकारी से राजनीतिज्ञ बने अन्नामलाई ने यह बात कही। उन्होंने द्रमुक और अन्नाद्रमुक के दबदबे वाले तमिलनाडु में लोकसभा चुनाव में भाजपा को दोहरे अंक में मत प्रतिशत मिलने और राज्य में तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरने का विश्वास जताया है।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने के बाद लोगों का भाजपा में विश्वास बढ़ा है। प्रधानमंत्री द्वारा तमिलनाडु की बार-बार यात्रा करना, काशी-तमिल संगमम, सौराष्ट्र तमिल संगमम जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, नए संसद भवन में सेंगोल स्थापित करना और राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के जरिये भाजपा को राज्य के लोगों तक अपनी पहुंच बनाने में मदद मिली।
अन्नामलाई ने कहा कि जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक के हिंदुत्व की विचारधारा से दूर जाने के कारण रिक्त हुए स्थान को भरने की भाजपा में काफी क्षमता है। जयललिता देश की पहली राजनीतिज्ञ थीं, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे का समर्थन किया था और 2002-03 में तमिलनाडु में धर्मांतरण विरोधी कानून बनाया था।2016 में जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक ने हिंदुत्व के आदर्शों से किनारा कर लिया और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया से हाथ मिला लिया, जिसे प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) की राजनीतिक शाखा माना जाता है।