नई दिल्ली। पिछले छह सालों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में बिना बिके घरों की संख्या 57 प्रतिशत घटकर 86,420 यूनिट रह गई। रियल एस्टेट सलाहकार कंपनी एनारॉक के मुताबिक एनसीआर में बिना बिके घरों की संख्या मार्च, 2018 तिमाही में 2,00,476 यूनिट थी, जो 31 मार्च, 2024 को घटकर 86,420 यूनिट रह गई। इस अवधि में देश के प्रमुख दक्षिणी शहरों (बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई) में बिना बिके घरों की संख्या 2018 के 1.96 लाख यूनिट से घटकर 2024 की पहली तिमाही में 1.76 लाख यूनिट रह गई।
वहीं देश के पश्चिमी क्षेत्र में एमएमआर और पुणे में बिना बिके घरों की संख्या में आठ प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। पूर्व स्थित कोलकाता में बिना बिके घरों की संख्या में 41 प्रतिशत की प्रभावशाली गिरावट दर्ज की गई।
एनारॉक के वाइस चेयरमैन संतोष कुमार ने कहा, ''एनसीआर में बिना बिके घरों की संख्या में कमी के लिए डेवलपर्स द्वारा नई आपूर्ति पर नियंत्रण रखना है।'' उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि एनसीआर में पिछले छह सालों के दौरान 1.81 लाख नए घर बिक्री के लिए उपलब्ध हुए। जबकि देश के दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में इस दौरान 6.07 लाख और 8.42 लाख नए घर बिक्री के लिए उपलब्ध हुए।
आंकड़ों के अनुसार, गुरुग्राम में बिना बिके आवासों की संख्या 53,136 से कम होकर 33,326 यूनिट रह गई है। नोएडा में बिना बिके घरों की संख्या 25,669 यूनिट से 71 प्रतिशत घटकर 7,451 इकाई रह गई है। ग्रेटर नोएडा में बिना बिकी इन्वेंट्री 61,628 यूनिट के मुकाबले 70 प्रतिशत घटकर 18,668 यूनिट रह गई है। गाजियाबाद में भी बिना बिके घर 70 प्रतिशत घटकर 37,005 यूनिट से 11,011 यूनिट रह गए हैं। फरीदाबाद, दिल्ली और भिवाड़ी में संयुक्त रूप से मार्च, 2018 में बिना बिके घरों की संख्या 23,038 थी जो 31 मार्च, 2024 को 15,964 इकाई रह गई है।