ताइपे। China Military Drill In Taiwan Strait। क्या ताइवान को लेकर चीन कोई बड़ी चाल चलने वाला है? अमेरिका के इंडो-पैसिफिक कमांड के डिप्टी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल स्कलेंका ने कहा कि चीन फिर से ताइवान के पास युद्धाभ्यास कर रहा है, जिसका लक्ष्य ताइवान पर कब्जा करना है। 

युद्धाभ्यास को लेकर चीन ने क्या कहा?  

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्वी थिएटर कमांड का कहना है कि ताइवान के करीब चीन अपनी नौसेना और वायु सेना की ताकत का परीक्षण कर रहा है। गौरतलब है कि चीन ने अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने वाली ताकतों को जवाब देने के लिए इस युद्धाभ्यास की शुरुआत की है। इस युद्धाभ्यास को ताइवान स्ट्रेट, उत्तर, दक्षिण और पूर्वी ताइवान और उसके आसपास के ताइवान के नियंत्रण वाले द्वीपों किन्मेन, मात्सू, वुकिउ और डोंगयिन में शुरू किया गया। 

चीन ने अमेरिका को दी धमकी 

बता दें कि चीन के अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने वाली ताकतों का मतलब अमेरिका जैसे देशों से है।  चीन की सेना ने कहा कि ताइवान के आसपास उसका दो दिवसीय अभ्यास स्वतंत्रता चाहने वाली अलगाववादी ताकतों के लिए सजा है। चीन का दावा है कि ताइवान उसके राष्ट्रीय क्षेत्र का हिस्सा है।

ताइवान ने युद्धाभ्यास पर जताई चिंता

चीन के युद्धाभ्यास पर ताइवान ने चिंता जाहिर की है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उन्होंने ताइवान स्ट्रेट के आसपास अपनी सेनाओं को भेज दिया है ताकि अपने क्षेत्र की रक्षा की जा सके। इस युद्धाभ्यास से न सिर्फ ताइवान स्ट्रेट की शांति और स्थिरता बाधित होगी बल्कि इससे चीन की सैन्यवादी मानसिकता का भी पता चलता है।

ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने की शांति की पहल

बता दें कि हाल ही में ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने शपथ ली है। उन्हें चीन का कट्टर विरोधी माना जाता है।  ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने बीजिंग से अपनी सैन्य धमकी को रोकने का आह्वान किया। वहीं, उन्होंने कहा कि ताइवान ना तो चीन के आगे झुकेगा और ना ही चीन को उकसाएगा। ताइवान के राष्ट्रपति ने चीन के साथ बातचीत के जरिए मुद्दों का हल निकालने की बात कही है।

ताइवान के साथ खड़ा है जापान

जापान ने भी चीन के इस हरकत पर चिंता जताते हुए ताइवान की आजादी की वकालत की। जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा ने कहा “ताइवान हमारा बेहद महत्वपूर्ण साझेदार है, हमारे करीबी आर्थिक संबंध और लोगों का आदान-प्रदान है और यह हमारा बहुमूल्य मित्र है।”