अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के स्वतंत्र भ्रष्टाचार-रोधी पंचाट ने श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर अविष्का गुणवर्धने को भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी कर दिया है। वहीं एक अन्य खिलाड़ी नुवान जोयसा को राहत नहीं मिली है। गुणवर्धने इस फैसले के बाद खेल संबंधित गतिविधियों में भाग ले सकेंगे। गुणवर्धने पर दो साल पहले आईसीसी ने भ्रष्टाचार से जुड़े कई आरोप लगाए थे और उन्हें अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया था। वहीं पूर्व तेज गेंदबाज जोयसा पर आईसीसी ने हाल में ही छह साल का प्रतिबंध लगाया था।
जोयसा पर एक आरोप बरकरार
पंचाट ने जोयसा के खिलाफ एक आरोप (2.4.6) को बरकरार रखा, लेकिन अन्य तीन आरोपों को खारिज कर दिया। आईसीसी से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ''इस मामले में विस्तृत फैसला इससे जुड़ी पार्टियों को समय पर भेज दिया जाएगा और इसके खिलाफ अपील की जा सकती है।'' गुणवर्धने के खिलाफ धारा 2.1.4 के अंतर्गत आरोप लगाया गया था इसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धारा 2.1 को तोड़ने का प्रावधान है, उनके खिलाफ धारा 2.4.5 के तहत भी आरोप लगाया गया था, जिसमें भ्रष्टाचार से जुड़ी कोशिश को एसीयू को बिना देरी किए जानकारी देने का प्रावधान है। उस वक्त उन्हें अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया था और अब उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया है। जोयसा पर मैच के परिणाम और दूसरे पहलुओं को प्रभावित करने के अलावा एसीयू की जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप हैं।
गुणवर्धने को मिली राहत
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