नई दिल्ली। जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से आज (22 मई) झटका लगा। कोर्ट ने अंतरिम जमानत देने की उनकी याचिका खारिज कर दी। हेमंत सोरेन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिका वापस ले ली। इस मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कपिल सिब्बल के कामकाज पर भी सवाल उठाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कपिल सिब्बल को लगाई फटकार
कोर्ट ने कपिल सिब्बल से कहा,"अगर कोर्ट ने इस मामले को अधिक विस्तार से देखने लगी तो फिर ये पूर्व मुख्यमंत्री के लिए नुकसानदेह होगा। आपका आचरण काफी कुछ बयां कर रहा है। हमें उम्मीद थी कि आपका मुवक्किल स्पष्टवादिता के साथ आएगा लेकिन आपने महत्वपूर्ण तथ्यों को दबा दिया।"
आपका आचरण बेदाग नहीं है: कोर्ट
जब कपिल सिब्बल ने कोर्ट में सोरेन के बचाव करने की कोशिश की और कहा कि वह हिरासत में हैं और उन्हें अदालतों में दायर की जा रही याचिकाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसपर कोर्ट ने कहा कपिल सिब्बल से कहा,"आपका आचरण बेदाग नहीं है। पूर्व सीएम कोई आम आदमी नहीं हैं। कोर्ट ने आगे मामले की योग्यता पर गौर किए बिना गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका खारिज करने की बात कही। इसके बाद सिब्बल याचिका वापस लेने पर सहमत हो गए, जिसे पीठ ने अनुमति दे दी। ईडी ने पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि 31 जनवरी को सोरेन की गिरफ्तारी को झारखंड उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था और उनकी नियमित जमानत याचिका 13 मई को ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दी थी।
31 जनवरी को गिरफ्तार हुए थे सोरेन
बताते चलें कि जमीन घोटाला मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए चुनाव के मद्देनजर अंतरिम जमानत की मांग की गई थी।