रांची। झारखंड में तीसरे चरण में 25 मई को चार सीटों के लिए लोकसभा चुनाव को लेकर रांची में चुनावी सरगर्मी पूरी तरह से परवान चढ़ गई है। राजनीतिक सरगर्मी शहर के गली-कूचों से निकलकर ग्रामीण क्षेत्र के आम मतदाताओं तक पहुंच गई है। चुनाव का समय नजदीक आते ही प्रत्याशियों की उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है।
सुबह होते ही मतदाताओं के पास पहुंच जा रहे प्रत्याशी
रांची लोकसभा चुनाव के लिए इस बार चुनावी मैदान में 27 प्रत्याशी डटे हैं, जिनकी रातों की नींद और दिन का चैन उड़ गया है। मौसम के बदले मिजाज में कड़ी धूप के बावजूद राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दल के साथ-साथ निर्दलीय प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान चलाकर मतदाताओं से वोट मांग रहे हैं। चुनाव जीतने के लिए कोई भी प्रत्याशी किसी तरह का कसर नहीं छोड़ रहा है। चुनाव मैदान में डटे सभी प्रत्याशी जनसंपर्क अभियान को तेज करते हुए सुबह उठते ही मतदाताओं के बीच पहुंच जा रहे हैं।
चुनाव में दांव पर लगी दिग्गजों की प्रतिष्ठा
राजनीतिक दलों के साथ निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव में अपनी ओर से पूरी ताकत झोंक दी है। राजनीतिक दलों के नेता-कार्यकर्ता एवं निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक रांची के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर लोगों से सीधा संपर्क साधकर अपने-अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं। चुनाव में भाजपा एवं कांग्रेस के लिए सांसद का चयन प्रतिष्ठा का सवाल बनकर खड़ा है। इस बार के चुनाव में दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। ऐसे में भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशी सीट को बचाने में कितना सफल होते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
चार जून को होगा किस्मत का फैसला
वहीं जयराम महतो की पार्टी के उम्मीदवार भी भविष्य को सोच इस सीट पर बड़ा दांव खेला है, जिसका फैसला चार जून को होगा। चुनाव में विरोधी भी हावी हैं, जिन्हें मनाने के लिए प्रत्याशी उनके साथ गुपचुप बैठक कर रहे हैं। दूसरी ओर चुनाव मैदान में टिके सभी 27 प्रत्याशी एक एक-एक वोट की खातिर मतदाताओं के घर-घर पहुंचने की कोशिश में जुटे हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस एवं जयराम महतो की पार्टी के साथ-साथ निर्दलीय प्रत्याशी अपने पक्ष में वोट के लिए मतदाताओं को अपने-अपने तरीके से रिझाने का प्रयास कर रहे हैं।