भागलपुर। Shravani Mela 2024 : कंधे पर गंगा जल से भरा कांवर, भगवा वस्त्र और जुबान पर बोल बम के नारे की गूंज के साथ मदमस्त शिवभक्तों की टोली का विश्व का सबसे लंबा धार्मिक-अध्यात्मिक कारवां देखने का समय बहुत नजदीक आ गया है।

60 दिन निकलेगा शिव भक्‍तों का कारवां

60 दिन बाद 22 जुलाई से 30 दिन का शिव भक्तों का कारवां निकलेगा। पवित्र सावन मास के वर्षा के बूंद के बीच भागलपुर के सुल्तानगंज में उत्तर वाहिनी गंगा में शिव भक्त गंगाजल लेकर बाबा धाम शिवलोक की ओर निकल पड़ेंगे।

105 किलोमीटर की विश्व प्रसिद्ध लंबी सावनी मेला की यात्रा में केसरिया रंग से पटा बोल बम के गुंज के साथ शिव साधकों के कई रूपों का दीदार होगा। न कुछ पाने की चाहत दिखेगी और न कुछ खोने का गम ही होगा। शिव में जीवन दर्शन दिखेगा।

प्रशासनिक तैयारी को लेकर लगातार हो रहीं बैठकें

सावनी मेला को लेकर जिलों में प्रशासनिक तैयारी किया जा रहा है। लगातार बैठकें हो रही हैं और तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सनद हो कि सावनी मेला 65 किलामीटर बिहार के भागलपुर, मुंगेर और बांका जिला में पड़ता है।

दुनिया का सबसे लंबा धार्मिक मेला

भगवान शिव का परम प्रिय सावन का पवित्र महीना में ज्योर्तिलिंग रावणेश्वर महादेव पर गंगा जल के अभिषेक करने की सदियों पुरानी परंपरा है। इस अवधि के दौरान लाखों श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ मंदिर में इकट्ठा होते है। उनमें से ज्यादातर लोग सबसे पहले सुल्तानगंज आते हैं, जो बाबाधाम से 105 किमी दूर है।

सुल्तानगंज में गंगा उत्तरवाहिनी है। सावन मास आरंभ होते ही शिव भक्त यहां से गंगा जल लेकर बाबा धाम पैदल खाली पांव जाते हैं। वे बाबा वैद्धनाथ मंदिर तक 109 किलोमीटर लंबी दूरी तय करते हैं।

लोग बोल बम बोलते हुए यहां तक बहुत ही श्रद्धा के साथ पहुंचते हैं। बाबाधाम तक पहुंचने पर, कांवरिया पहले शिवगंगा में खुद को शुद्ध करने के लिए डुबकी लगाते हैं, और फिर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में प्रवेश करते हैं, जहां ज्योतिर्लिंग पर गंगा जल अर्पित करते है।

जुलाई-अगस्त के दौरान यह तीर्थ यात्रा पूरे 30 दिनों के लिए सावन के दौरान जारी रहता है। यह दुनिया का सबसे लंबा धार्मिक मेला है। विदेशी भूमि के लोग भी शिव के इस कारवां में सामिल होते हैं। सुल्तानगंज से बाबाधाम की राह पर लंबी मानव श्रृंखला भगवा पहने और बोल बम के नारा के साथ तीर्थयात्रियों का दिखता है।

यह अनुमान लगाया जाता है कि एक महीने की इस अवधि में 50 से 55 लाख तीर्थयात्री बाबाधाम जाते हैं। एक माह तक इस अनुपम दृश्य का गवाह प्रत्येक वर्ष की तरह एक बार फिर अंग की धरती बनने जा रही है। जिसकी तैयारी हो रही है।