शेखर सुमन ने हाल ही में चल रहे लोकसभा चुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी को ज्वॉइन किया था. इससे पहले शेखर सुमन कांग्रेस पार्टी का हिस्सा थे, जिनके लिए उन्होंने 2009 में पटना साहिब से चुनाव भी लड़ा था. उस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जिसके तीन साल बाद उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. राजनीति से इतने सालों तक दूर रहने के बाद अब शेखर सुमन एक बार फिर राजनीति से जुड़ गए हैं. हालांकि, एक्टर का कहकना है कि एक्टिंग को छोड़कर फुल टाइम पॉलिटिशयन बनने का कोई इरादा नहीं है.
इंटरव्यू में शेखर सुमन ने कहा, ''मैं अभी भी एक अभिनेता बनना चाहता हूं, जो राजनीति का हिस्सा है ताकि यह मुझे अपनी इंडस्ट्री और अपने राज्य के लिए उस तरह की चीजें करने के लिए सशक्त बनाए जो मैं करना चाहता हूं. मैं किसी राजनीतिक उथल-पुथल और बहस में नहीं पड़ना चाहता. और न ही मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है. मैं कोई राजनेता नहीं हूं. मैं राजनीति में नहीं रहना चाहता और फिर भी राजनीति में रहकर उस तरह की चीजें करना चाहता हूं, जो मैं करना चाहता हूं.''
'मैंने अपने लिए एक समय सीमा तय कर ली है'
शेखर सुमन ने आगे कहा, ''ऐसा नहीं है कि अगर मैं डिलीवर नहीं कर पाया तो भी इसी के साथ लगा रहूंगा. मैंने अपने लिए एक समय सीमा तय कर ली है और यदि मैंने खुद से जो वादा किया है, उसे पूरा नहीं कर पाता तो मैं बाहर निकलने का विकल्प चुनूंगा. मैं यहां एक विशेष कारण से आया हूं- सेवा करने के लिए. यदि मैं सेवा करने में असमर्थ हूं, तो यहां रहने का कोई मतलब नहीं है. लेकिन जब आप इतनी सकारात्मकता और दृढ़ संकल्प के साथ आते हैं, तो भगवान भी मदद करते हैं.''
'हीरामंडी' से सुर्खियों में छाए हैं शेखर सुमन
बता दें कि संजय लीला भंसाली की नेटफ्लिक्स सीरीज 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' के साथ शेखर सुमन लंबे वक्त के बाद स्क्रीन पर नजर आए हैं. इस सीरीज में अपने काम के लिए शेखर सुमन खूब तारीफें बटोर रहे हैं. शेखर सुमन ने 'हीरामंडी' में जुल्फिकार अहमद का किरदार निभाया है. इस सीरीज में शेखर सुमन के बेटे अध्ययन सुमन ने भी काम किया है.