MP : मध्यप्रदेश की जेलों की कार्यप्रणाली में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसकी तैयारी और समीक्षा दोनों चल रही है। अब जेलों को दंडात्मक लिहाज से कम और सुधारात्मक मोड़ में ज्यादा प्राथमिकता के साथ संचालित किया जाएगा। यह संकेत मध्य प्रदेश के जेल महानिदेशक ने ग्वालियर में केंद्रीय जेल का निरीक्षण करने के बाद दिए।
जेल डीजी जीपी सिंह आज ग्वालियर प्रवास पर पहुंचे और उन्होंने यहां ग्वालियर सेंट्रल जेल का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान यहां केंद्रीय कारागार ग्वालियर से जुड़े सभी बड़े सरकारी और जेल पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहे। सेंट्रल जेल का निरीक्षण करने के बाद डीजी जीपी सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि मैंने आज ग्वालियर सेंट्रल जेल का निरीक्षण किया है, इस दौरान जेल में बंद कैदियों से भी मुलाकात की है।
उन्होंने कहा कि जेल विभाग चाह रहा है कि जेल की व्यवस्थाओं का कॉन्सेप्ट चेंज किया जाए और दंडात्मक के स्थान पर सुधारात्मक व्यवस्था पर ज्यादा ध्यान दिया जाए। भारत सरकार जो नए कानून लागू करने वाली है, उसी के तहत जेल प्रशासन के कानून में भी बदलाव किया जाएगा और ब्रिटिश राज से लागू कानून में सुधार और उसके स्वरूप में परिवर्तन किया जाना है। इसके साथ ही जेल की व्यवस्थाओं को कैसे बेहतर किया जाए, इस संबंध में भी प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राज्य शासन की ओर से आध्यात्मिक प्रोग्राम शुरू किए गए हैं, जिससे जेल में रह रहे कैदियों के व्यवहार को सुधारा जा सके। डीजी जेल के अनुसार बंदियों की सुविधाओं में भी वृद्धि के लिए प्रयास किया जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान बंदियों से चर्चा की है, उन्होंने कुछ सुझाव भी दिए हैं, लेकिन कोई विशेष शिकायत नहीं हुई है। हाल ही में ग्वालियर केंद्रीय कारागार से जुड़े वीडियो वायरल होने और उनमें जेल में भ्रष्टाचार एवं कैदियों की मलाई के नाम पर होने वाली वसूली के आरोपों पर जेल डीजी ने कहा कि मामले की अभी जांच चल रही है। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।