शहर की बढ़ती आबादी के साथ यहां वाहनों की भी संख्या में काफी इजाफा हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष दो पहिया से लेकर चार पहिया तक करीब दस हजार से अधिक नए वाहन सड़कों पर उतरते हैं।

सड़कों का अधिक चौड़ीकरण अब संभव नहीं

स्थिति यह है कि शहर के अंदर की सड़कों को अब और अधिक चौड़ा नहीं किया जा सकता। ऐसे में एकमात्र बैंक मोड़ से नया बाजार फ्लाईओवर ओवर लोड हो जाता है।

इससे सप्ताह के छह दिन सुबह 9:30 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक और शाम पांच बजे से सात बजे तक जाम की स्थिति से हर शहरवासी को दो चार होना पड़ता है।

कुछ ऐसी ही स्थिति गोविंदपुर में जीटी रोड की भी है। यहां टुंडी जाने वाले रास्ते के पास दिन भर वाहनों का जाम लगा रहता है। इस स्थिति से धनबाद के लोग त्रस्त हो चुके हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में शहर की सड़कों को फोर लेन तो किया, गया लेकिन श्रमिक चौक के पास स्थित रेलवे का गया पुल बाटल नेक बन गया। यहां आने वाले हर वाहन की रफ्तार धीमी हो जाती है। चाह कर भी यहां आसानी से निकलना संभव नहीं हो पता।

यह है समस्‍या का निदान

मटकुरिया चेकपोस्ट से पांडरपाला तक एक दूसरे फ्लाई ओवर के निर्माण से बैंक मोड़ से लेकर श्रमिक चौक तक लगने वाले जाम की समस्या से निदान पाया जा सकता है।

इसके अलावा यदि गया पुल के पास एक रेल अंडरपास का भी निर्माण करा दिया जाए, तो भी समस्या हल हो सकती है। इसी प्रकार से गोविंदपुर में भी फ्लाई ओवर की आवश्यकता है।